1 गारंटी का खौफनाक खेल: 11 साल तक नहीं हुई संतान, तांत्रिक ने पीटा और पिलाया गंदा पानी.. महिला की मौत!

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक तांत्रिक द्वारा दी गई “संतान होने की गारंटी” ने एक गर्भवती महिला की उम्मीदों को चीर दी। आश्वासन के कुछ ही दिनों में महिला की तबीयत बिगड़ गई और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले ने क्षेत्र में बहुचर्चित झाड़‑फूंक प्रथाओं को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जालसाज़ तांत्रिक का आश्वासन, दर्दनाक तौर पर खत्म हुई दुआ
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, झाड़‑फूंक करने वाला तांत्रिक महिला को बरगद बहार गया और “तैयार मंत्र” पढ़कर कहा कि वह मां बनने से वंचित नहीं रहेगी। महिला ने भारी राशि चुकाई, लेकिन आश्चर्य की बात यह रही कि आश्वासन के कुछ ही दिनों में उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह अस्पताल पहुंची।
इलाज में देरी और झाड़‑फूंक की गिरफ़्त
स्थानीय अस्पताल में डॉक्टरों ने महिला को कई अंगों में संक्रमण की स्थिति में भर्ती किया। जब मामला बढ़ा तो तांत्रिक पर पुलिस ने धारा 420 (धोखाधड़ी) और 274 (झाड़‑फूंक) का मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने आरोपी की तलाशी शुरू कर दी है।
रिपोर्ट में क्या बातें उभर कर सामने आईं?
महिला का मेडिकल परीक्षण हुआ जिसमें पता चला कि उसने कोई गर्भावस्था नहीं की थी, परंतु तांत्रिक ने गर्भ होने का झूठा दावा किया।
अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि समय पर मेडिकल सलाह बहुत जरूरी थी, लेकिन झाड़‑फूंक के पीछे महिला ने देरी की।
पुलिस वर्तमान में तांत्रिक से पूछताछ कर रही है, साथ ही डॉक्टर की गवाही और स्थानीय दवाखाने का रिकार्ड खंगाला जा रहा है।
यह दर्दनाक घटना महिलाओं पर झाड़‑फूंक और अंधविश्वास की प्रभावशीलता को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या में पहले मेडिकल सलाह प्राथमिक होनी चाहिए। अन्यथा, शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ्य नुकसान की आशंका बनी रहती है।