मराठी-हिंदी बवाल पर बोले रोहित पवार: BJP नेता और धीरेंद्र शास्त्री को लपेटा, कहा – ‘अगर आपकी राजनीति वहीं है तो …..

महाराष्ट्र की राजनीति में मराठी अस्मिता एक बार फिर से गर्म मुद्दा बन गई है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने इस मुद्दे पर बीजेपी के प्रमुख चेहरों पर खुलकर हमला बोला है। उन्होंने विशेष रूप से सांसद निशिकांत दुबे, बाबा धीरेंद्र शास्त्री और नेता आशीष शेलार को आड़े हाथों लिया। मराठी भाषा को लेकर दिए गए बयानों और कथित ‘बाहरी एजेंडों’ को लेकर उन्होंने कड़ी आपत्ति जताई है।
रोहित पवार का हमला: “मराठी का अपमान नहीं सहेगा महाराष्ट्र”
रोहित पवार ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे पर सीधा हमला करते हुए कहा कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति महाराष्ट्र का सम्मान करता है तो वह मराठी माना जाएगा, लेकिन अगर कोई यहां आकर मराठी अस्मिता को ठेस पहुंचाता है, तो उसका विरोध किया जाएगा। उन्होंने दुबे को चुनौती देते हुए कहा,
“हिम्मत है तो महाराष्ट्र में आकर मराठी भाषा पर टिप्पणी करके दिखाएं।”
“बिहार जैसे एजेंडे महाराष्ट्र पर न थोपे जाएं” – रोहित पवार
समाचार एजेंसी को दिए गए बयान में रोहित पवार ने कहा कि निशिकांत दुबे बिहार और बंगाल चुनाव की रणनीति बना रहे हैं लेकिन महाराष्ट्र में सामाजिक संतुलन को बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
“हम नहीं चाहते कि बिहार जैसे चुनावी मुद्दे यहां थोपे जाएं।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि “निरहुआ की फिल्म कोई देखता है या नहीं, ये तो पता नहीं, लेकिन बीजेपी BMC चुनाव को बिहार बना देना चाहती है।”
धीरेंद्र शास्त्री पर भी नाराज़गी: “मराठी संतों का अपमान नहीं सहेंगे”
धीरेंद्र शास्त्री के महाराष्ट्र दौरे और उनके बयानों पर रोहित पवार ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी बाबा ने महाराष्ट्र के पूज्य संत तुकाराम पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जो मराठी समाज का सीधा अपमान है।
“अगर उनकी राजनीति मध्य प्रदेश में है तो वहीं करें, महाराष्ट्र में संतों की परंपरा और संस्कृति को कोई ठुकरा नहीं सकता,” पवार ने कहा।
आशीष शेलार को लेकर बड़ा दावा: “बलि का बकरा बनाए जा रहे”
बीजेपी नेता आशीष शेलार द्वारा हाल ही में दिए गए बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहित पवार ने कहा कि उन्होंने दबाव में बयान दिया, और यह मराठी अस्मिता को चोट पहुंचाने वाला है।
“शेलार को बलि का बकरा बनाकर उनका राजनीतिक करियर खत्म करने की साजिश रची जा रही है,” उन्होंने आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि बीजेपी के बड़े नेता मराठी बनाम आतंकवाद जैसे बयान देकर महाराष्ट्र की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं।
अस्मिता बनाम राजनीति की लड़ाई
इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि मराठी अस्मिता अब केवल सांस्कृतिक नहीं, बल्कि एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन चुकी है। रोहित पवार का यह तीखा रुख केवल विपक्षी दलों पर हमला नहीं, बल्कि एक संदेश भी है कि महाराष्ट्र में क्षेत्रीय पहचान और भाषा से कोई समझौता नहीं होगा।