UP: गंगा एक्सप्रेसवे शुरू होने से पहले ही बन गया रेसिंग ट्रैक! हर रविवार लगती है मौत की बाज़ी – देखें वायरल वीडियो

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अभी जारी है, लेकिन मेरठ से प्रयागराज तक बनने वाला यह हाई-स्पीड कॉरिडोर इन दिनों स्टंटबाजों और बाइक रेसर्स के लिए एक नया मौत का मैदान बन गया है। खासतौर पर खरखौदा क्षेत्र के बिजौली गांव से हापुड़ के गढ़ तक का 24 किमी का हिस्सा इन दिनों गैरकानूनी रेसिंग गतिविधियों का केंद्र बन चुका है।
स्टंट, रेसिंग और लाखों की बेट – सड़क पर चलती है जंग
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर रविवार सुबह यहां दर्जनों की संख्या में बाइकर्स जुटते हैं। ये केवल हाई-स्पीड रेस ही नहीं करते, बल्कि स्टंट भी दिखाते हैं और करोड़ों की बाइकों पर लाखों रुपये की बेट लगाते हैं। ड्रैग रेसिंग, व्हीली, और डोंट्स जैसे खतरनाक करतब आम हो चुके हैं।
वीडियो वायरल, प्रशासन पर उठे सवाल
हाल ही में इन घटनाओं से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं, जिनमें बाइकर्स को 150–200 km/h की रफ्तार से दौड़ते हुए देखा जा सकता है। इस वायरल फुटेज के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस की सक्रियता पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर निर्माणाधीन सड़क पर इतनी भारी भीड़ कैसे जमा हो रही है?
मेरठ में योगी जी के बनाए हुए नए नए गंगा एक्सप्रेस वे पर रीलबाज, स्टंटबाजों की बेखौफी देखिए। हवा में बाइक उड़ा दे रहे। न इनको पुलिस का डर है, ना सरकार का खौफ। अभी एक्सप्रेस वे चालू नहीं हुआ लेकिन स्टंटिंग के मुकाबले चालू हैं। pic.twitter.com/SbdnQl7opc
— shalu agrawal (@shaluagrawal3) July 6, 2025
स्थानीयों में डर, प्रशासन मौन
स्थानीय निवासियों ने बताया कि कभी-कभी हादसों की आवाजें सुनाई देती हैं, लेकिन पुलिस को कई बार सूचना देने के बावजूद कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की गई। “हम डरते हैं कि कोई बाइक सवार या बच्चा इसकी चपेट में आ सकता है,” एक ग्रामीण ने कहा।
प्रशासन की चुप्पी – जिम्मेदार कौन?
गंगा एक्सप्रेसवे जैसे राष्ट्रीय महत्व के प्रोजेक्ट पर इस तरह की गतिविधियां न सिर्फ कानून व्यवस्था के लिए खतरा हैं, बल्कि लोगों की जान भी जोखिम में डाल रही हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या यूपी पुलिस और NHAI को इस मुद्दे की जानकारी नहीं है? अगर है, तो कार्रवाई क्यों नहीं?
क्या प्रशासन जागेगा किसी मौत के बाद?
गंगा एक्सप्रेसवे को देश के सबसे तेज़ और सबसे महंगे प्रोजेक्ट्स में गिना जाता है, लेकिन जिस तरह से इसका निर्माणाधीन हिस्सा रेसिंग ट्रैक में बदलता जा रहा है, वह बेहद चिंताजनक है। अगर जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह सपनों का एक्सप्रेसवे, मौत का एक्सप्रेसवे बन सकता है।