शर्मनाक: जंगलराज में कानून बेबस ! नाबालिग के साथ दरिंदगी; फिर सुबह 4 बजे सुनसान रास्ते पर फेंक आरोपी हुए फरार

बिहार के भभुआ जिले के चैनपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 16 वर्षीय छात्रा के साथ 3 जुलाई की रात दुष्कर्म की शॉकिंग वारदात सामने आई है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की, मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार कर मेडिकल जांच करवाकर जेल भेज दिया है। अन्य आरोपियों की तलाश जारी है, जिसने पूरे इलाके में तनाव का माहौल पैदा कर दिया है।
घटना का पूरा क्रम-वार विवरण
3 जुलाई, रात 10 बजे: पीड़िता घर से बाहर निकली थी, तभी दो व्यक्तियों ने उसका मुंह बंद करके एक कमरे में बंद कर रखा।
लड़की ने आरोपियों के घर दस्तक दी, लेकिन कोई दरवाज़ा खोलने को तैयार नहीं हुआ।
अगली सुबह 4 बजे: पीड़िता घटनाक्रम समझाकर घर लौटी; परिवार को तुरंत सूचना दी गई ।
पीड़िता के परिजनों की प्रतिक्रिया
पीड़िता के पिता की शिकायत पर महिला थाना में दो व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई। परिजन पुलिस से आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी और न्यायपूर्ण कार्रवाई की मांग कर रहे हैं । ग्रामीणों में आक्रोश और चिंता का माहौल है, जिसके कारण थाना क्षेत्र में तनाव फैल गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई
थानाध्यक्ष साक्षिता कुमारी ने तत्काल एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसे सदर अस्पताल में मेडिकल जांच करवाने के बाद जेल भेज दिया गया है ।
वहीं, दूसरे आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अभी भी छापेमारी जारी है ।
मेडिकल और कानूनी प्रक्रिया
गिरफ्तार आरोपी की मेडिकल जांच सदर अस्पताल में की गई ।
पीड़िता की भी उसी अस्पताल में मेडिकल जांच करवाई गई है ।
शिकायत में यह भी बताया गया कि आरोपी ने पीड़िता के साथ जबरदस्ती की।
इलाके में तनाव और सामाजिक चिंता
घटना के बाद पूरे गांव में भारी तनाव व्याप्त है। लोग न्याय की मांग कर रहे हैं और पुलिस प्रशासन से दोषियों को बख्शे न जाने की अपील कर रहे हैं।
“दुष्कर्म की वारदात से गांव में भय का माहौल… परिवार और ग्रामीण न्याय की राह ताक रहे हैं।”
आगे की कार्रवाई और पुलिस की चुनौतियाँ
एक आरोपी गिरफ्तार, शेष की तलाश जारी।
पीड़िता और परिवार को विधिक मदद और मानसिक सहारा दिए जाने की संभावना बनी हुई है।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ा जाएगा।
भभुआ की यह दर्दनाक घटना न सिर्फ तबाही का आईना है, बल्कि समाज के सामने न्याय की पुकार भी है। 16 वर्षीय छात्रा पर हुए इस अमानवीय अत्याचार ने स्पष्ट कर दिया है कि कानून के कठोर और तेज़ कदम कितने जरूरी हैं। अब इंतज़ार इस बात का है कि बचपन और मासूमियत को चोट पहुँचाने वाले अपराधियों को कितना शीघ्र सज़ा मिलती है और पीड़ित परिवार को न्याय तथा सुरक्षा मिलती है।