Disaster: हिमाचल में बादल फटा, पूरा गांव बहा! 34 लापता, 18 की मौत – वायुसेना उतरी मैदान में, देखें तस्वीरें

हिमाचल प्रदेश के मंडी, करसोग, थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों में कुदरत ने भारी कहर बरपाया है। सोमवार रात को 17 जगहों पर बादल फटने से बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ। मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र के स्याठी गांव को जलसैलाब ने पूरी तरह बहा दिया। अब तक 18 लोगों की मौत, 34 लोग लापता और 370 लोगों को रेस्क्यू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हालात की गंभीरता को देखते हुए वायुसेना से रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए मदद मांगी है।

स्याठी गांव पूरी तरह बहा, कई गांवों से संपर्क टूटा

मंडी जिले के स्याठी गांव में 61 ग्रामीणों को बमुश्किल बचाया गया, लेकिन गांव का अधिकांश हिस्सा जलप्रलय में समा गया। भूस्खलन और मलबे के कारण थुनाग, जंजैहली, करसोग और गोहर क्षेत्रों में सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। थुनाग के डेजी पखरैर से एक दर्जन से अधिक लोग लापता हैं और प्रशासन अभी तक वहां तक नहीं पहुंच सका है।

लापता और मृतकों की संख्या बढ़ी

अब तक कांगड़ा में दो, हमीरपुर में एक, जोगिंद्रनगर और देहरा में भी शव बरामद हुए हैं। प्रशासन ने बुधवार को तीन और शवों की पुष्टि की है। अधिकांश लापता लोग सराज क्षेत्र के हैं। कई स्थानों पर संचार सेवाएं, बिजली और पानी की सप्लाई पूरी तरह ठप हो गई हैं।

इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान,

राज्य सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, केवल मंडी में ही 148 घर, 104 गोशालाएं, 14 पुल और 31 वाहन पूरी तरह से तबाह हो चुके हैं। राज्यभर में 918 बिजली ट्रांसफार्मर और 683 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

मुख्यमंत्री ने किया हवाई सर्वेक्षण

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सुक्खू ने बुधवार को धर्मपुर की लौंगणी पंचायत और अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि घर, गोशालाएं और पशुधन खो चुके परिवारों को विशेष राहत पैकेज और बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाएगा। थुनाग और जंजैहली जैसे क्षेत्रों में हेलिकॉप्टर से 1000 राहत किट भेजी गई, जिसमें आटा, चावल, दाल, नमक और तेल जैसी जरूरी चीजें शामिल हैं।

गर्भवती महिलाओं को हेलिकॉप्टर से रेस्क्यू किया गया

थुनाग क्षेत्र में फंसी दो गर्भवती महिलाओं को वायुसेना के हेलिकॉप्टर से सुरक्षित निकाला गया। वहां संचार सेवाएं पूरी तरह ठप थीं, जिसके चलते V-SAT संचार पोर्टल भी भेजा गया है ताकि संपर्क बहाल किया जा सके।

बारिश का दौर जारी रहेगा

राज्य में बुधवार को आंशिक राहत रही, लेकिन मौसम विभाग ने 5 से 7 जुलाई तक भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इससे राहत कार्यों में और बाधा आने की आशंका है। शिमला, मंडी, धर्मशाला, सोलन जैसे क्षेत्रों में 10–55 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई।

जलवायु परिवर्तन और भविष्य की रणनीति पर मुख्यमंत्री की चिंता

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस तरह की आपदाओं के पीछे जलवायु परिवर्तन भी एक बड़ा कारण हो सकता है। उन्होंने राज्य और केंद्र सरकारों से मिलकर वैज्ञानिक अध्ययन कराने की मांग की है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

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