रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका का बड़ा यू-टर्न: हथियारों की सप्लाई रोकी, अब क्या करेगा यूक्रेन, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच अमेरिका ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे न केवल वैश्विक रणनीतिक समीकरणों पर असर पड़ सकता है, बल्कि यूक्रेन की मौजूदा सैन्य स्थिति भी कमजोर हो सकती है। अमेरिकी अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी दी कि अमेरिका ने यूक्रेन को भेजे जाने वाले कुछ हथियारों की आपूर्ति फिलहाल रोक दी है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब रूस के साथ जारी युद्ध में यूक्रेन को अमेरिका से निरंतर सैन्य सहायता की आवश्यकता है।

यूक्रेन के लिए अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति पर लगी रोक

अमेरिका के रक्षा मंत्रालय (पेंटागन) ने पुष्टि की है कि यूक्रेन को भेजे जाने वाले कुछ हथियारों की खेप पर रोक लगा दी गई है। हालांकि, मंत्रालय ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस प्रकार के हथियार या कौन-कौन से विशिष्ट हथियार इस निर्णय से प्रभावित हुए हैं। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब यूक्रेन को रूस से निपटने के लिए पश्चिमी सहयोगियों की मदद की सख्त ज़रूरत है।

अमेरिकी भंडार में आई कमी बनी रोक की वजह

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीन पार्नेल ने जानकारी दी कि अमेरिका ने यह निर्णय अपने हथियार भंडार की समीक्षा के बाद लिया है। उन्होंने कहा, “अमेरिका की सेना पहले कभी इतनी तैयार और सक्षम नहीं रही, लेकिन कुछ श्रेणियों के हथियारों का भंडार अब सीमित हो गया है।” अधिकारियों के अनुसार, पेंटागन ने भंडार की कमी को लेकर चिंता जताई है, जिससे यह कदम उठाना पड़ा।

व्हाइट हाउस की सफाई: राष्ट्रीय हित सर्वोपरि

व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने बयान में कहा, “हमारे देश के सैन्य सहयोग और दुनिया भर के अन्य देशों को दी जाने वाली सहायता की समीक्षा के बाद अमेरिका के हितों को सर्वोपरि रखते हुए यह निर्णय लिया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह फैसला अमेरिका की वैश्विक भूमिका या सैन्य शक्ति को कमजोर नहीं करता।

ट्रंप प्रशासन की नई प्राथमिकताएं भी बनीं वजह

यह निर्णय अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले प्रशासन की नई नीतियों और प्राथमिकताओं को भी दर्शाता है। ट्रंप प्रशासन ने विदेशी सहायता और सैन्य व्यय की समीक्षा के संकेत पहले ही दिए थे। यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति में यह कटौती इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

ईरान पर मिसाइल हमले का भी दिया गया हवाला

केली ने हाल ही में ईरान के परमाणु ठिकानों पर ट्रंप द्वारा आदेशित मिसाइल हमलों का भी उल्लेख करते हुए कहा, “अमेरिका की सशस्त्र सेनाओं की ताकत पर कोई सवाल नहीं उठा सकता – ईरान से पूछिए।” यह बयान अमेरिका की सैन्य शक्ति का भरोसा दिलाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब उसकी एक प्रमुख सहयोगी को समर्थन से वंचित किया गया है।

भविष्य के खतरों के लिए आधुनिकीकरण जरूरी: पेंटागन

पेंटागन के प्रवक्ता पार्नेल ने कहा, “कांग्रेस के माध्यम से पारित कर कटौती और व्यय पैकेज यह सुनिश्चित करता है कि हमारे हथियारों एवं रक्षा प्रणालियों का आधुनिकीकरण किया जाए ताकि वे 21वीं सदी के खतरों से आगामी पीढ़ियों की सुरक्षा कर सकें।” इसका सीधा संकेत यह है कि अमेरिका अब दीर्घकालिक रणनीतिक सुरक्षा पर ज़ोर देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

 

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