रहस्यमयी कीड़ा बना मौत का दूसरा नाम! 23 दिन में 22 को काटा, किसी ने देखा नहीं.. 1 की मौत, गांव में दहशत

अलीगढ़ के भकरौला गांव में एक अज्ञात उड़ने वाले कीड़े ने पूरे गांव को डर के साए में डाल दिया है। बीते 23 दिनों में 23 ग्रामीणों को यह कीड़ा डंक मार चुका है, जिसमें एक महिला की मौत भी हो चुकी है। स्थानीय लोग वैद्य के पास इलाज करवा रहे हैं, जबकि जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार राहत कार्यों में जुटे हैं।

‘पूरे शरीर में जैसे आग लग गई हो’ – पीड़ितों की जुबानी

गांव के निवासी रामपाल शर्मा कहते हैं, “एक चुभन-सी होती है, फिर शरीर का वो हिस्सा लाल-नीला पड़ जाता है। जैसे पूरे शरीर में करंट दौड़ जाए।” रामपाल समेत दर्जनों ग्रामीण इस रहस्यमयी कीड़े के शिकार हो चुके हैं। गांव के ज्यादातर लोगों को यह कीड़ा रात के समय डंक मारता है, जिससे लोग अब अंधेरा होने के बाद बाहर निकलने से भी डरते हैं।

कामकाज ठप, खेतों में सन्नाटा, गांव में सन्नाटा

भकरौला गांव में खेतों में कामकाज पूरी तरह से ठप है। लोग घरों में दुबके हुए हैं। पुरुष खेत नहीं जा रहे, महिलाएं और बच्चे मच्छरदानियों में समय बिता रहे हैं। साथ ही, गांव के लोग तालाबों और खुले पानी के स्थानों पर तेल छिड़काव करके कीड़े को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इन प्रयासों के बावजूद संक्रमण रुक नहीं रहा।

डॉक्टर से ज़्यादा वैद्य पर भरोसा, मेडिकल टीम कैंप में तैनात

हालांकि CMO डॉ. नीरज त्यागी के निर्देश पर गांव में मेडिकल कैंप लगाया गया है, लेकिन ग्रामीण अधिकतर आयुर्वेदिक वैद्य से इलाज करवा रहे हैं। अब तक 23 लोगों को मेडिकल सहायता दी गई है, जबकि कई लोगों को अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज तक रेफर करना पड़ा है।

मीरा देवी की मौत, बहू को भी दो बार काटा

गांव की निवासी मीरा देवी, जिनकी मौत इस कीड़े के डंक से हुई, उनके परिवार पर तो दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। मीरा देवी की बहू सुनीता को भी दो बार डंक मारा गया और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। मीरा देवी के बेटे सौरभ बताते हैं, “25 जून को मां सोते समय चीखने लगीं। उनके हाथ पर लाल-नीले निशान दिखे। दर्द असहनीय था। मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, लेकिन बचाया नहीं जा सका।”

13 साल का चेतन ICU में रहा भर्ती

13 वर्षीय चेतन को भी कीड़े ने डंक मारा, जिसके बाद उसे 10 दिनों तक ICU में भर्ती रहना पड़ा। चेतन ने बताया कि वह सो रहा था, तभी हाथ में जलन महसूस हुई और बाद में वहां घाव बन गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसे तेज बुखार और शरीर में जहर फैलने की वजह से गहन चिकित्सा की आवश्यकता पड़ी।

कीड़े का चेहरा किसी ने नहीं देखा, डर अब भी कायम

अब तक की सबसे बड़ी बात यह है कि कोई भी व्यक्ति इस कीड़े को देख नहीं पाया है। लोग तभी पहचान पाते हैं जब वह डंक मारकर जा चुका होता है। स्थानीय निवासी चंद्रपाल बताते हैं कि एक बच्चे को हाल ही में डंक मारा गया है और उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। गांव में नगर निगम की फॉगिंग टीम, वन विभाग की टीम और पशुपालन विभाग लगातार काम कर रहे हैं।

वन विभाग और CMO की टिप्पणी

वन विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी गौरव सिंह ने बताया, “यह कीड़ा संभवतः बारिश में सक्रिय होने वाला कोई उड़ने वाला कीड़ा है, जो डंक के साथ कोई केमिकल छोड़ता है।” हालांकि जब तक कोई कीड़ा पकड़ा नहीं जाता, तब तक पुष्टि संभव नहीं है।

CMO डॉ. नीरज त्यागी ने कहा कि सभी मरीजों की मेडिकल हिस्ट्री तैयार की जा रही है, और 3 विभागों की टीमें एक्टिव हैं। अभी स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन सतर्कता जरूरी है।

प्रशासन अलर्ट, जांच के आदेश

अलीगढ़ के डीएम संजीव रंजन ने इस रहस्यमयी कीड़े के मामलों की जांच के आदेश दिए हैं। गांव में नगर निगम की स्पेशल टीमें कीड़े के संभावित प्रजनन क्षेत्रों की फॉगिंग और कीटनाशक छिड़काव कर रही हैं।

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