सचिन तेंदुलकर के पहले शतक पर ये क्या बोल गया फेमस क्रिकेटर ! “मेरी वजह से ही..” दिया मज़ेदार बयान, जानिए पूरा किस्सा

क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर का नाम सुनते ही सम्मान और श्रद्धा की भावना जागती है। ‘क्रिकेट के भगवान’ कहे जाने वाले सचिन ने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेलीं, लेकिन उनकी पहली टेस्ट सेंचुरी की कहानी आज भी खास है। अब उस पारी को लेकर इंग्लैंड के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर एलन लैंब ने एक दिलचस्प खुलासा किया है, जिसमें उन्होंने हंसते हुए खुद को सचिन की सफलता की वजह बताया है।

एलन लैंब बोले- मेरी वजह से तेरा नाम हुआ

हाल ही में पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज एलन लैंब ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा कि वो सचिन से हमेशा कहते हैं, “मेरी वजह से ही तेरा नाम हुआ।” इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि जब वह सचिन के खिलाफ खेले थे, तब वह सिर्फ 18 साल के थे और उन्होंने स्लिप में उनका एक आसान कैच छोड़ दिया था। सचिन ने इस मौके को भुनाते हुए टेस्ट करियर का पहला शतक जड़ दिया।

गावस्कर और कोहली से ऊपर क्यों चुना सचिन को?

जब लैंब से पूछा गया कि सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली में से वह किसे सबसे ऊपर रखते हैं, तो उन्होंने बिना झिझक कहा – “सचिन तेंदुलकर।” उन्होंने बताया कि उन्होंने सचिन को करीब से खेलते देखा है और वह उस युग के खिलाड़ी थे जहां तकनीक और शुद्ध क्लास बल्लेबाज़ी का बोलबाला था। लैंब ने कहा, “कोहली शानदार हैं, लेकिन जिन खिलाड़ियों के खिलाफ मैंने खेला, उनमें सचिन सबसे ऊपर हैं।”

कैच छूटा और बन गया इतिहास

लैंब जिस मैच की बात कर रहे थे, वह अगस्त 1990 में मैनचेस्टर में खेला गया भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट था। भारत और इंग्लैंड के बीच 9 से 14 अगस्त तक चला यह टेस्ट मैच ऐतिहासिक साबित हुआ। इंग्लैंड ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 519 रन बनाए, जिसमें ग्राहम गूच, माइक अथर्टन और रॉबिन स्मिथ के शतक शामिल थे। लैंब ने भी पहली पारी में 38 रन बनाए।

भारत की पहली पारी और सचिन की पहली चमक

जवाब में भारत ने अपनी पहली पारी में 432 रन बनाए। इस पारी में मोहम्मद अजहरुद्दीन ने 179, संजय मांजरेकर ने 93 और युवा सचिन तेंदुलकर ने 68 रनों की शानदार पारी खेली। उस समय सचिन सिर्फ 18 साल के थे लेकिन उनके खेलने के अंदाज़ में परिपक्वता और क्लास झलक रही थी।

दूसरी पारी में सचिन को मिला जीवनदान

इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी 4 विकेट पर 320 रन बनाकर घोषित कर दी। लैंब ने इसमें 109 रनों की शानदार शतकीय पारी खेली। जब भारत चौथी पारी में बल्लेबाज़ी कर रहा था, तब सचिन को जीवनदान मिला – एलन लैंब ने स्लिप में उनका कैच छोड़ दिया। उस मौके का सचिन ने बेहतरीन उपयोग किया और नाबाद 119 रन बनाकर भारत को हार से बचा लिया।

सचिन का पहला टेस्ट शतक

सचिन तेंदुलकर की ये पारी केवल एक शतक नहीं थी, बल्कि एक युग की शुरुआत थी। उन्होंने आगे चलकर टेस्ट क्रिकेट में कुल 51 शतक लगाए, जो आज भी एक रिकॉर्ड है। उनके करियर की शुरुआत जिस अंदाज़ में हुई, वह न सिर्फ प्रेरणादायक है बल्कि क्रिकेट इतिहास में एक अनोखी कहानी बन चुकी है – जिसमें एलन लैंब का छोड़ा हुआ कैच एक अहम मोड़ साबित हुआ।

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