साइको किलर, STF की गोली से ढेर; आखिर कौन था संदीप ? एक बेटी की मौत ने बना दिया.. जानिए पूरी घटना

उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए कुख्यात अपराधी और ‘साइको किलर’ के नाम से पहचान बना चुके संदीप को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। यह ऑपरेशन बागपत जिले में रविवार देर रात अंजाम दिया गया। हरियाणा के रोहतक का रहने वाला संदीप कई राज्यों में लूट, हत्या और डकैती के 16 से अधिक मामलों में वांछित था और उस पर ₹1 लाख का इनाम घोषित था।
हाईवे पर आतंक का पर्याय था संदीप
संदीप पिछले एक दशक से हाईवे पर ट्रक ड्राइवरों के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुका था। वह ट्रक ड्राइवरों से दोस्ती कर उन्हें सुनसान जगह बुलाता, फिर बेरहमी से उनकी हत्या कर देता और माल से लदे ट्रकों को बेच देता था। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह अब तक कम से कम 4 ट्रक ड्राइवरों की हत्या कर चुका था। वह हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में पुलिस को लगातार चकमा देता रहा।
बेटी की मौत के बाद बदली मानसिक स्थिति
संदीप का अपराध की दुनिया में उतरना एक दुखद पारिवारिक घटना से जुड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2013 में एक सड़क हादसे में उसकी बेटी की मौत हो गई थी, जिसके बाद वह मानसिक रूप से अस्थिर हो गया। उसने ट्रक चालकों को इसके लिए दोषी मानते हुए अपने भीतर एक गहरी नफरत पाल ली। पहलवान रह चुका संदीप, अपनी ताकत और योजना से ट्रक चालकों को अपना निशाना बनाता रहा।
कानपुर की 4 करोड़ की निकल प्लेट लूट बना बड़ा सुराग
वर्ष 2025 में कानपुर के पनकी थाना क्षेत्र में ₹4 करोड़ की निकल प्लेट से भरे ट्रक की लूट ने पूरे पुलिस महकमे को हिला दिया था। इस हाई-प्रोफाइल लूट की जांच के दौरान संदीप का नाम मुख्य साजिशकर्ता के रूप में सामने आया। इसके बाद STF ने उसे इनामी अपराधी घोषित किया और उसके पीछे बड़े पैमाने पर ऑपरेशन शुरू हुआ। लूटी गई निकल प्लेट को बाद में हरियाणा के हिसार में बरामद किया गया था, जहां से कई अन्य आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था।
बागपत में मुठभेड़: पुलिस ने घेरा,
रविवार रात STF नोएडा यूनिट और बागपत पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि संदीप मवीकलां क्षेत्र में छिपा हुआ है। पुलिस ने संयुक्त रूप से इलाके को घेर लिया, लेकिन आत्मसमर्पण के बजाय संदीप ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया और अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मुठभेड़ में STF का एक हेड कांस्टेबल सुनील कुमार भी घायल हुआ है, जिनका इलाज जारी है।
गिरोह का था हिस्सा, अब नेटवर्क की जांच में जुटी STF
प्रथम दृष्टया यह सामने आया है कि संदीप अकेला नहीं था, बल्कि एक संगठित गिरोह का हिस्सा था। STF अब उसके फरार साथियों की तलाश, नेटवर्क की संरचना और आर्थिक स्रोतों की जांच में जुट गई है। ऑपरेशन में शामिल अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई हाईवे सुरक्षा के लिए एक निर्णायक मोड़ साबित हुई है। इससे ट्रक ड्राइवरों और यात्रियों में फैले डर का अंत होने की उम्मीद है।
हाईवे पर सुरक्षा के लिहाज से मानी जा रही है बड़ी जीत
संदीप का अंत उन लोगों के लिए राहत की खबर है, जो हाईवे पर रोज़ाना सफर करते हैं। उसका खात्मा न सिर्फ एक साइको किलर की दहशत को खत्म करता है, बल्कि यह STF की सतत निगरानी और समर्पण का भी प्रमाण है। इस मुठभेड़ को हाईवे पर लूट और हत्या की घटनाओं के खिलाफ एक बड़ी जीत माना जा रहा है।