‘प्यू रिसर्च रिपोर्ट’ से खलबली! किस धर्म के लोग सबसे ज्यादा हो रहे कन्वर्ट.. हिन्दू-मुस्लिम के आंकड़े उड़ा देंगे होश

दुनिया की कुल जनसंख्या 800 करोड़ से अधिक हो चुकी है, और इनमें विभिन्न धर्मों को मानने वाले लोग शामिल हैं। ईसाई और इस्लाम धर्म की जनसंख्या सबसे अधिक है, लेकिन हाल ही में आई प्यू रिसर्च सेंटर की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट बताती है कि अब धर्मों से जुड़ाव घट रहा है। विशेषकर 55 साल से कम उम्र के युवाओं में धर्म परिवर्तन और धार्मिक असंबद्धता तेजी से बढ़ी है।

ईसाई धर्म को सबसे ज्यादा नुकसान

रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर धर्म परिवर्तन से ईसाई धर्म को सबसे ज्यादा शुद्ध नुकसान हुआ है।

  • हर 100 ईसाइयों में से 17.1 लोगों ने अपने बचपन का धर्म छोड़ दिया।
  • जबकि सिर्फ 5.5 लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया।
  • इसका मतलब ईसाई धर्म को नेट लॉस 11.6% हुआ।

इससे यह साफ होता है कि आज की युवा पीढ़ी में ईसाई धर्म के प्रति जुड़ाव कमजोर हुआ है।

बौद्ध धर्म में धर्म परिवर्तन दोनों तरफ सक्रिय

बौद्ध धर्म से जुड़े आंकड़े भी कम रोचक नहीं हैं।

  • 100 बौद्ध अनुयायियों में से 22.1 ने धर्म छोड़ा।
  • जबकि 12.3 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया।
  • यानी कुल शुद्ध नुकसान 9.8% का हुआ।

यह एकमात्र धर्म है जिसमें धर्म अपनाने और छोड़ने की दर दोनों तरफ ऊंची है। इसकी अवधारण दर केवल 78% है, जो अन्य धर्मों की तुलना में सबसे कम है।

मुस्लिम और हिंदू धर्म स्थिर, न कोई फायदा, न खास नुकसान

मुस्लिम और हिंदू धर्मों के अनुयायियों की स्थिति तुलनात्मक रूप से स्थिर है।

  • इन धर्मों को न तो बड़ा नुकसान हुआ है और न ही लाभ।
  • धर्म अपनाने और छोड़ने वाले लोगों की संख्या लगभग बराबर है।

यह इस बात की ओर इशारा करता है कि इन समुदायों में पारिवारिक और सांस्कृतिक जड़ें अभी भी मजबूत हैं, और धार्मिक निष्ठा में स्थिरता बनी हुई है।

‘धार्मिक रूप से असंबद्ध’ लोगों की संख्या सबसे तेजी से बढ़ी

सबसे बड़ा बदलाव धार्मिक रूप से असंबद्ध लोगों (Nones) में देखने को मिला।

  • 100 में से 24.2 लोग किसी धर्म से हटकर असंबद्ध बने।
  • वहीं सिर्फ 7.5 लोगों ने असंबद्धता छोड़ किसी धर्म को अपनाया।

इस तरह, असंबद्ध लोगों की संख्या में शुद्ध लाभ 16.7% का हुआ। इसका मतलब यह है कि अब लोग धार्मिक संस्थानों से दूरी बनाकर व्यक्तिगत और स्वतंत्र विचारों की ओर बढ़ रहे हैं।

कहां होता है सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन?

प्यू रिसर्च के मुताबिक, धर्म परिवर्तन की दर विकसित देशों में सबसे ज्यादा है।

  • जिन देशों का HDI (मानव विकास सूचकांक) 0.8 या उससे अधिक है, वहां 18% लोग अपने बचपन का धर्म छोड़ देते हैं।
  • इनमें अमेरिका, कनाडा और यूरोप जैसे देश शामिल हैं।
  • जबकि जिन देशों का HDI 0.55 से कम है, वहां केवल 3% लोग ही धर्म बदलते हैं।

इसका मुख्य कारण उच्च शिक्षा, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, सामाजिक सुरक्षा और खुली सोच मानी जा रही है।

बदलती सोच और धार्मिक पहचान

प्यू रिसर्च की यह रिपोर्ट बताती है कि आज की दुनिया में धर्म अब उतना स्थायी नहीं रह गया है जितना पहले था।

  • युवा अब आस्था और विचारों की स्वतंत्रता को प्राथमिकता दे रहे हैं।
  • धार्मिक संस्थाओं के प्रति अविश्वास, कट्टरता और स्वतंत्र सोच की प्रवृत्ति धार्मिक परिवर्तन की प्रमुख वजह बन रही हैं।
  • हालांकि, यह प्रवृत्ति सभी धर्मों पर एक समान प्रभाव नहीं डाल रही, और स्थानीय संस्कृति और सामाजिक संरचना इसमें बड़ी भूमिका निभा रही है।

 

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