सांसद के ड्राइवर को 150 करोड़ का गिफ्ट.. हड़कंप! एक्टिव हुई EOW, मशहूर ‘सालार जंग खानदान’ से क्या संबंध ?

महाराष्ट्र की राजनीति और प्रशासनिक हलकों में उस वक्त सनसनी फैल गई जब सामने आया कि शिवसेना सांसद संदीपनराव भूमरे के ड्राइवर जावेद रसूल शेख को 150 करोड़ रुपये की ज़मीन उपहार में दी गई है। हैदराबाद के मशहूर सालार जंग खानदान ने यह ज़मीन एक हिबानामा (गिफ्ट डीड) के ज़रिए दी। यह मामला अब राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की जांच के दायरे में है।
हिबानामा के ज़रिए ट्रांसफर की गई प्राइम ज़मीन
सूत्रों के अनुसार, यह ज़मीन औरंगाबाद (अब संभाजीनगर) के दाऊदपुरा इलाके में है और इसे हिबानामा के ज़रिए ट्रांसफर किया गया है। यह ज़मीन शहर के एक प्रमुख हाइवे से सटी है और बाज़ार मूल्य लगभग ₹150 करोड़ बताया जा रहा है। यह ज़मीन 3 एकड़ में फैली है और बेहद अहम लोकेशन पर स्थित है।
EOW ने जांच की शुरू, जावेद को समन जारी
जैसे ही मामला सामने आया, आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने इसकी गंभीरता को समझते हुए जावेद शेख को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया। एजेंसी यह जानना चाहती है कि आखिर इस गिफ्ट के पीछे असली मकसद क्या था। इसके अलावा सालार जंग खानदान के छह सदस्यों को भी नोटिस भेजा गया है, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला।
ड्राइवर के पास कहां से आई इतनी पहुंच?
जावेद रसूल शेख, जो पेशे से एक ड्राइवर हैं, लंबे समय से शिवसेना सांसद संदीपनराव भूमरे के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि सालार जंग परिवार के साथ उनके पुराने और अच्छे संबंध हैं, और इसी नाते उन्हें यह ज़मीन गिफ्ट की गई है। लेकिन इतने बड़े मूल्य की संपत्ति को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक ‘तोहफ़ा’ है या फिर इसके पीछे कोई छिपी डील?
सांसद परिवार ने झाड़ा पल्ला, विधायक बेटे ने दी सफाई
सांसद के बेटे और विधायक विलास भूमरे ने स्पष्ट किया कि यह मामला उनके पिता या परिवार से नहीं जुड़ा है। उन्होंने कहा कि जावेद का सालार जंग परिवार से व्यक्तिगत संबंध है और इसमें उनका कोई दखल नहीं है। ज़मीन की गिफ्टिंग कानूनी दस्तावेज़ के तहत हुई है।
कानूनी और सामाजिक सवाल
इस मामले पर कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि हिबानामा आमतौर पर खून के रिश्तों में दिया जाता है, लेकिन यहां एक गैर-संबंधी व्यक्ति को इतना बड़ा गिफ्ट देना सवाल खड़े करता है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि धर्म और जाति की आड़ में यह ट्रांजैक्शन संदिग्ध लग रहा है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।
ईमानदारी या ‘रिश्ते’ की आड़ में मिली संपत्ति?
इस पूरे मामले में कई परतें हैं। क्या यह गिफ्ट सिर्फ दोस्ती और विश्वास का प्रतीक है या इसके पीछे कोई और बड़ा खेल है? जावेद शेख का दावा, सांसद परिवार की दूरी, और सालार जंग खानदान की चुप्पी—तीनों मिलकर इस प्रकरण को और रहस्यमय बना रहे हैं। आने वाले दिनों में EOW की जांच से सच सामने आ सकता है।