पीछे खड़े BJP नेता की महिला सिपाही से अश्लील हरकत, CCTV में कैद.. नितिन गडकरी के कार्यक्रम में थी तैनात

महाराष्ट्र के पुणे में भारतीय जनता पार्टी के शहर महामंत्री प्रमोद कोंढरे पर गंभीर आरोप लगे हैं। एक महिला पुलिस निरीक्षक ने उनके खिलाफ कार्यक्रम के दौरान छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई है। आरोप के मुताबिक, कोंढरे ने उन्हें दो बार पीछे से अनुचित ढंग से छुआ, जिसका पूरा घटनाक्रम CCTV कैमरे में कैद हुआ है। मामला प्रकाश में आने के बाद भाजपा नेता को न केवल FIR का सामना करना पड़ा, बल्कि उन्हें अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा।
महिला अधिकारी के बयान के आधार पर दर्ज हुआ केस
पुणे पुलिस के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब महिला पुलिस अधिकारी कार्यक्रम स्थल की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात थीं। कार्यक्रम पुणे के ऐतिहासिक शानीवारवाड़ा इलाके में हो रहा था। अचानक भाजपा नेता कोंढरे ने उन्हें पीछे से दो बार छुआ, जो स्पष्ट रूप से सीसीटीवी फुटेज में रिकॉर्ड हुआ।
भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं में केस दर्ज
पुणे पुलिस ने कोंढरे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 और 75(1) के तहत मामला दर्ज किया है। धारा 74 स्त्री की गरिमा भंग करने के इरादे से की गई हरकत पर लागू होती है, जबकि धारा 75(1) यौन उत्पीड़न को परिभाषित करती है।
पद से दिया इस्तीफा, भाजपा ने लिया संज्ञान
जैसे ही मामला सार्वजनिक हुआ, भाजपा की पुणे इकाई ने तेजी से कार्रवाई की। पुणे भाजपा प्रमुख धीरज घटे ने मीडिया को बताया कि प्रमोद कोंढरे ने खुद महामंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी महिला सम्मान के मामले में कठोर और संवेदनशील रुख अपनाती है।
पुराना विवादित इतिहास, पहले भी दर्ज हैं आपराधिक केस
बताया जा रहा है कि प्रमोद कोंढरे पर इससे पहले भी आपराधिक आरोप लग चुके हैं। वर्ष 2010, 2015 और 2022 में उनके खिलाफ मोलस्टेशन, वसूली और मारपीट के मामले दर्ज हैं। ये मामले विश्रामबाग और खड़क थाना क्षेत्रों में दर्ज किए गए थे।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और महिला आयोग की संज्ञान
जैसे ही यह खबर सामने आई, विपक्षी दलों—कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना (UBT)—ने भाजपा को घेरा और त्वरित कार्रवाई की मांग की। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए पुलिस से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
पुलिस जांच जारी
जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि प्रमोद कोंढरे का महिला अधिकारी से पहले से कोई संपर्क था या नहीं। साथ ही पुलिस CCTV फुटेज और गवाहों के बयान के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। कोंढरे को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि जरूरत पड़ने पर गिरफ्तारी हो सकती है।
क्या भाजपा एक्शन में है या दिखावे में?
यह मामला भाजपा के लिए राजनीतिक और नैतिक चुनौती बन चुका है। पार्टी ने पद से इस्तीफा तो ले लिया, लेकिन अब जनता की निगाहें इस पर हैं कि क्या आगे की कार्रवाई भी उतनी ही निष्पक्ष और पारदर्शी होगी? सवाल यह भी है कि क्या ऐसे नेताओं को पार्टी की जिम्मेदारियों से पहले ही दूर नहीं कर देना चाहिए था?