Likes-Views के लिए ‘शव यात्रा’ को बना डाला रील का मंच, फिर वर्दी में एक्टिंग! रीलबाज सिपाही Viral, हुआ एक्शन..

उत्तर प्रदेश पुलिस पर एक बार फिर सोशल मीडिया एक्टिविटी को लेकर सवाल उठने लगे हैं। अमरोहा जिले में तैनात दो सिपाहियों ने रील बनाने की चाह में एक शव यात्रा को शूटिंग स्पॉट बना डाला। वर्दी में इन सिपाहियों ने न केवल अर्थी को कंधा दिया, बल्कि पूरे दृश्य को अलग-अलग एंगल से शूट कर इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया। इस ‘कंटेंट’ के लिए उन्होंने ‘जिंदगी प्यार का गीत है…’ जैसे गाने का इस्तेमाल किया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी तीखी आलोचना शुरू हो गई।

शव यात्रा बनी रील का मंच, वर्दी में निभाई एक्टिंग

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि दोनों सिपाही वर्दी में एक शव यात्रा के साथ चल रहे हैं और अर्थी को कंधा भी दे रहे हैं। ये कोई भावनात्मक सहभागिता नहीं, बल्कि एक ‘परफेक्ट शॉट’ के लिए किया गया कृत्य था। उन्होंने शव यात्रा के दौरान कैमरा सेट कर, अलग-अलग एंगल से वीडियो शूट किया और बाद में उसे एडिट कर रील के रूप में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया।

एसपी ने लिया संज्ञान, जांच के आदेश दिए

मामला सामने आने के बाद अमरोहा के एसपी अमित कुमार आनंद ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, दोनों सिपाही सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं और उनके इंस्टाग्राम अकाउंट पर लाखों फॉलोअर्स हैं।

‘इमोशनल फ्रेम’ के लिए किया गया ड्रामा?

वीडियो देखकर यह स्पष्ट होता है कि यह कोई भावनात्मक हिस्सा नहीं, बल्कि सोच-समझकर किया गया ‘इमोशनल ड्रामा’ था, ताकि सोशल मीडिया पर अधिक व्यूज और लाइक्स मिल सकें। सोशल मीडिया यूजर्स ने सिपाहियों के इस कृत्य को ‘मानवता और मर्यादा का मज़ाक’ बताया है।

विभागीय निर्देशों की फिर से उड़ी धज्जियां

गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी नव नियुक्त आरक्षियों को सोशल मीडिया को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए थे। इसमें कहा गया था कि वर्दी की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले किसी भी प्रकार के वीडियो या पोस्ट की अनुमति नहीं है। लेकिन अमरोहा के इस मामले ने विभागीय नियमों को एक बार फिर सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।

सोशल मीडिया से कमाई भी बना कारण?

माना जा रहा है कि इन सिपाहियों के इंस्टाग्राम पर लाखों फॉलोअर्स हैं और वे सोशल मीडिया से अच्छी-खासी कमाई कर रहे हैं। विभाग के कुछ अफसरों पर इन वीडियो को प्रमोट करने का भी आरोप है, जिससे इन रीलबाज सिपाहियों को अप्रत्यक्ष समर्थन मिल रहा है।

क्या पुलिस अब ‘रील स्टार’ बनती जा रही है?

इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या अब पुलिस की छवि सोशल मीडिया रील्स में सिमटती जा रही है? वर्दी में ‘लाइक’ और ‘फॉलोअर्स’ की होड़ में शामिल होना न केवल असंवेदनशीलता का संकेत है, बल्कि यह जनविश्वास और पेशेवर मर्यादा को भी ठेस पहुंचाता है।

संवेदनशील मौके को बनाया मनोरंजन का विषय

शव यात्रा जैसे गंभीर और संवेदनशील मौके को मनोरंजन का विषय बनाना, और वह भी पुलिसकर्मियों द्वारा, न केवल संवेदनहीनता का प्रमाण है, बल्कि यह विभाग की प्रतिष्ठा को भी धूमिल करता है। अब देखना यह है कि जांच के बाद इन रीलबाज सिपाहियों पर विभाग क्या कार्रवाई करता है।

 

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