बड़ी खबर: सो रहे किसान को कुचलती हुई घर में घुसी ‘पुलिस की गाड़ी’, मौत.. हाईवे जाम.. हंगामा! गलती किसकी ?

उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले से एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। हरैया सतघरवा क्षेत्र के परसपुर गांव में बुधवार रात पुलिस की एक तेज़ रफ्तार अनियंत्रित गाड़ी एक घर में घुस गई। इस हादसे में घर के बाहर सो रहे एक युवक की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में भारी आक्रोश फैल गया और ग्रामीणों ने सड़क जाम कर विरोध दर्ज कराया।

घर के बाहर सो रहा था युवक, तेज़ रफ्तार पुलिस वाहन चढ़ा ऊपर

यह हादसा बुधवार रात क़रीब 11:30 बजे हुआ जब परसपुर गांव निवासी राम समुझ जायसवाल का 45 वर्षीय बेटा पंकज जायसवाल घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था। पंकज परसदा बाज़ार में किराना की दुकान चलाते थे। अचानक तेज़ रफ्तार में आ रही पुलिस की एक मोबाइल वैन अनियंत्रित हो गई और सीधे पंकज के ऊपर चढ़ गई, फिर उसके घर में घुस गई। हादसे से घर में चीख-पुकार मच गई।

अस्पताल में डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

घायल पंकज को परिवार के लोग तत्काल तुलसीपुर सीएचसी ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार, पंकज की मौत रात में ही हो चुकी थी। घटना की सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

ग्रामीणों का सड़क जाम, प्रशासन से न्याय की मांग

घटना से गुस्साए ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह हाईवे जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। ग्रामीणों की मांग थी कि दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

सीओ का बयान – स्टेयरिंग जाम होने से हुआ हादसा

मामले पर ललिया सर्किल के सीओ डॉ. जितेंद्र कुमार ने पुष्टि की कि हादसा पुलिस वाहन से हुआ है। उन्होंने कहा कि नेपाल सीमा से लौट रही पुलिस टीम का वाहन तकनीकी खराबी के चलते अनियंत्रित हो गया। “वाहन की स्टेयरिंग जाम हो गई थी, जिस वजह से यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई,” उन्होंने कहा।

इंस्पेक्टर बोले- अगर दोषी हूं तो मेरे खिलाफ हो FIR

घटना पर अफसोस जाहिर करते हुए थाना प्रभारी अभिषेक सिंह ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। अगर परिजन तहरीर देते हैं और उन्हें लगता है कि इस हादसे में मेरी कोई भूमिका है तो मैं खुद पर भी एफआईआर दर्ज कराने को तैयार हूं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि पुलिस पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है।

हादसा या लापरवाही?

इस घटना ने पुलिस की जवाबदेही और सार्वजनिक सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल, पुलिस की ओर से जांच जारी है, लेकिन पीड़ित परिवार और ग्रामीणों की नाराज़गी को देखते हुए यह मामला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है।

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