ChatGPT पर न करें ये 5 काम, भूल से भी किया शेयर तो पड़ सकता है महंगा; पढ़ें और लोगों को शेयर करें

कुछ साल पहले तक यह सोचना भी मुश्किल था कि कोई टूल हमारी भाषा में सवाल समझेगा और वैसा ही जवाब देगा। लेकिन अब ChatGPT जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं। ईमेल लिखना हो, किसी सवाल का जवाब चाहिए या कंटेंट तैयार करना हो, हर जगह ChatGPT जैसे टूल्स मददगार बन गए हैं। OpenAI का ये टूल अब दुनियाभर में करीब 18 करोड़ लोग इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसमें भारत दूसरा सबसे बड़ा यूजर बेस है।
ChatGPT पर डेटा शेयर करना कितना सुरक्षित है?
हालांकि ChatGPT का इस्तेमाल करते समय सुरक्षा और प्राइवेसी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। साल 2024 में सैमसंग ने अपने कर्मचारियों को ChatGPT का इस्तेमाल करने से रोक दिया था। वजह ये थी कि एक कर्मचारी ने गलती से कंपनी का सेंसिटिव सोर्स कोड इस AI टूल पर डाल दिया था। कंपनी को डर था कि यह डेटा बाहरी सर्वर पर सेव होकर गलत हाथों में जा सकता है।
ChatGPT किस तरह का डेटा सेव करता है?
साइबर लॉ और AI विशेषज्ञ डॉ. पवन दुग्गल बताते हैं कि ChatGPT दो तरह की जानकारी स्टोर करता है:
- स्वचालित रूप से संग्रहित डेटा: जैसे कि आपका इंटरनेट कनेक्शन, ब्राउज़र, डिवाइस और इस्तेमाल का समय।
- आपके द्वारा दी गई जानकारी: जैसे नाम, ईमेल, सवाल या जो भी डेटा आप चैट के माध्यम से भेजते हैं।
- ये डेटा OpenAI अपने सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए उपयोग करता है।
क्या ChatGPT से डेटा लीक हो सकता है?
डॉ. पवन दुग्गल के अनुसार, डेटा लीक का खतरा एक हद तक बना रहता है। जब आप ChatGPT पर कोई जानकारी देते हैं, तो वह OpenAI के सर्वर पर सेव होती है। यदि आपने अनजाने में कोई गोपनीय जानकारी शेयर कर दी—जैसे किसी ग्राहक की डिटेल या कंपनी का सीक्रेट डेटा, तो वह डेटा लीक या कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन का कारण बन सकता है।
ChatGPT से जुड़े 6 बड़े साइबर रिस्क
ChatGPT के इस्तेमाल से कुछ साइबर खतरे जुड़े हैं जो सीधे आपकी डिजिटल सुरक्षा और लीगल राइट्स को प्रभावित कर सकते हैं:
- डेटा लीक का खतरा
- फ्रॉड या धोखाधड़ी की संभावना
- आईडेंटिटी थेफ्ट यानी पहचान की चोरी
- गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल
- गलत जानकारी या मिसइंफॉर्मेशन फैलने का खतरा
- कंपनी पॉलिसी और कानूनी अनुबंधों का उल्लंघन
ChatGPT पर कभी न करें ये 5 जानकारियां शेयर
ChatGPT पर कुछ भी टाइप करने से पहले सोचें। निम्नलिखित 5 प्रकार की जानकारी कभी भी शेयर न करें:
- बैंक डिटेल्स और पासवर्ड
- आधार नंबर या पैन कार्ड नंबर जैसी सरकारी ID
- कंपनी के सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स
- व्यक्तिगत हेल्थ या मेडिकल जानकारी
- किसी ग्राहक या क्लाइंट की प्राइवेट डिटेल्स
ChatGPT को सुरक्षित बनाने के लिए OpenAI के उपाय
OpenAI ने ChatGPT को एक सुरक्षित और जिम्मेदार AI टूल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं:
- डेटा प्रोटेक्शन तकनीक: सेंसिटिव जानकारी को पहचानकर हटाने की तकनीक।
- कंटेंट मॉडरेशन सिस्टम: हेट स्पीच, हिंसा और गलत जानकारी रोकने के लिए।
- AI सुरक्षा विशेषज्ञों की टीम: जो यह तय करती है कि मॉडल क्या सीखे और क्या नहीं।
- यूजर कंट्रोल सेटिंग्स: यूजर तय कर सकते हैं कि उनकी बातचीत ट्रेनिंग में इस्तेमाल हो या नहीं।
- नियमित सिक्योरिटी अपडेट्स और रिसर्च: जैसे ही खतरा सामने आता है, तुरंत समाधान किया जाता है।
ChatGPT का सेफ इस्तेमाल कैसे करें?
ChatGPT एक टेक्नोलॉजी है, इंसान नहीं। इसलिए इसके साथ बातचीत करते वक्त सावधानी जरूरी है:
- कभी भी निजी या गोपनीय जानकारी न डालें।
- हर उत्तर को पूरी तरह सच न मानें, जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट की राय जरूर लें।
- सेटिंग्स में जाकर प्राइवेसी कंट्रोल का इस्तेमाल करें।
क्या ChatGPT गलत जानकारी भी दे सकता है?
हां, कभी-कभी ChatGPT गलत या पुरानी जानकारी दे सकता है। यह मॉडल इंटरनेट से सीखा है और हमेशा रियल-टाइम डेटा पर आधारित नहीं होता। इसलिए किसी भी महत्वपूर्ण निर्णय से पहले जानकारी की पुष्टि जरूरी है।
AI से कौन-कौन सी नौकरियां खतरे में हैं?
AI की तेजी से बढ़ती मौजूदगी कई सेक्टर्स में नौकरियों पर असर डाल रही है:
1. IT सेक्टर
AI सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और डेटा एनालिटिक्स को आसान बना रहा है, जिससे कुछ परंपरागत IT नौकरियों की मांग घट सकती है।
2. कंटेंट क्रिएशन
AI टूल्स लेखन, वीडियो और ऑडियो प्रोडक्शन को ऑटोमेट कर रहे हैं, जिससे मीडिया इंडस्ट्री में अवसर घट रहे हैं।
3. हेल्थकेयर सेक्टर
AI बीमारियों की पहचान और इलाज में मदद कर रहा है, लेकिन रिपीटेटिव मेडिकल जॉब्स खतरे में हैं।
4. एजुकेशन सेक्टर
AI से वर्चुअल टीचिंग और स्मार्ट क्लासरूम बढ़े हैं, जिससे शिक्षकों और एडमिन स्टाफ की जरूरत घट सकती है।
5. मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री
रोबोट्स इंसानों की जगह ले रहे हैं, जिससे उत्पादन में मानव श्रमिकों की भूमिका कम हो रही है।
6. कस्टमर सर्विस
AI चैटबॉट्स 24×7 कस्टमर सपोर्ट दे रहे हैं, जिससे कॉल सेंटर जॉब्स में कमी आ रही है।
7. डिजिटल मार्केटिंग
AI से एड कैम्पेन और एनालिटिक्स आसान हुए हैं, जिससे मैनुअल मार्केटिंग जॉब्स पर असर पड़ सकता है।
कैसे बने रहें AI युग में रिलेवेंट?
AI की मौजूदगी से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि जरूरत है अपने स्किल्स को अपडेट करने की। टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे तो रिलेवेंट बने रहेंगे।