BJP विधायक ने SDM को जड़ा थप्पड़.. चार नामजद और 25-30 अज्ञात के खिलाफ FIR, लेकिन MLA का नाम नहीं

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में भाजपा विधायक प्रकाश द्विवेदी पर गंभीर आरोप लगे हैं। खबर है कि विधायक ने मौरंग से ओवरलोड दो ट्रक छुड़वाने के लिए न सिर्फ SDM नरैनी अमित शुक्ला को कथित रूप से थप्पड़ मारा, बल्कि पुलिसकर्मियों के साथ भी धक्का-मुक्की की। यह विवाद रविवार देर रात का है और अब इसका वीडियो और विवरण सोशल मीडिया व सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
ओवरलोड ट्रक जब्त, विधायक का दबाव
SDM नरैनी अमित शुक्ला और सीओ कृष्णकांत त्रिपाठी रविवार रात खनन क्षेत्र में ओवरलोड मौरंग लदे दो ट्रकों को पकड़ा और कागजात न होने के चलते उन्हें सीज कर खुरहंड पुलिस चौकी में खड़ा करा दिया। इसी बीच विधायक को इसकी जानकारी मिली और उन्होंने SDM को फोन किया, लेकिन जब कॉल रिसीव नहीं हुआ, तो विधायक अपने काफिले के साथ मौके पर पहुंचे।
मौके पर तीखी बहस और थप्पड़बाज़ी के आरोप
पैगंबरपुर-जरर मार्ग पर विधायक और SDM आमने-सामने हुए। आरोप है कि विधायक प्रकाश द्विवेदी और उनके समर्थकों ने SDM को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद विधायक अपने काफिले के साथ खुरहंड चौकी पहुंचे, जहां उन्होंने चौकी इंचार्ज से ट्रक की चाबी मांगी और इंकार करने पर उनसे और अन्य पुलिसकर्मियों से भी अभद्रता की और धक्का-मुक्की की।
ड्राइवर की FIR, विधायक का नाम गायब
SDM के ड्राइवर कामता प्रसाद मिश्रा की शिकायत पर गिरवां थाने में 4 नामजद और 25-30 अज्ञात लोगों के खिलाफ 10 धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई है। शिकायत में बताया गया है कि रात करीब 11:45 बजे कुछ लोग गाड़ियों से आए, गाड़ी रोककर लाठी-डंडों से धमकाया गया, ड्राइवर को पीटा गया और जमीन पर पटक दिया गया। दिलचस्प बात यह है कि रिपोर्ट में विधायक का नाम शामिल नहीं किया गया है।
SDM का मौन, विधायक का पक्ष
घटना के बाद से SDM अमित शुक्ला मीडिया से मिलने से इनकार कर रहे हैं। वहीं विधायक प्रकाश द्विवेदी का कहना है कि उन्होंने SDM को 10 बार कॉल किया था। उनका आरोप है कि पुलिसकर्मी नशे में थे और ट्रकों को गलत तरीके से सीज किया गया। उन्होंने कहा, “मैंने किसी से कोई बदसलूकी नहीं की, उल्टा हेड कांस्टेबल ने मेरे साथ अभद्रता की।”
विधायक की खुली चेतावनी: अधिकारी मारेंगे तो मार खाएंगे
घटना के बाद विधायक ने एक बयान में कहा, “अगर अधिकारी निर्दोषों को मारेंगे तो मार खाएंगे। गुंडई किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होगी। अधिकारी जनता के सेवक हैं, मालिक नहीं।” विधायक का यह बयान प्रशासनिक मर्यादा और लोकतांत्रिक मूल्यों पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच शुरू
एसपी शिवराज के अनुसार, “SDM के ड्राइवर की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। चार नामजद और 25 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। मामले की जांच सीओ नरैनी कर रहे हैं। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
कानून के सामने सब समान या नहीं?
यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या सत्ता के दम पर कानून को चुनौती देना आम हो चला है? जब जनप्रतिनिधि खुद नियमों की अवहेलना कर प्रशासन पर दबाव बनाएंगे तो आम जनता का भरोसा तंत्र पर कैसे बना रहेगा? यह जांच का विषय ही नहीं, लोकतंत्र की आत्मा का भी सवाल है।