‘यादव’ कथावाचक की पिटाई पर अखिलेश की खुली चेतावनी, सिर मुंडवाया, महिला के पैरों पर नाक रगड़वाई, अब..

उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के बकेवर थाना क्षेत्र के दादरपुर गांव में जातिगत असहिष्णुता की शर्मनाक घटना सामने आई है। 22 जून को भागवत पाठ के दौरान कथावाचक मुकुट मणि सिंह यादव और उनके साथी पर न सिर्फ हमला किया गया, बल्कि उनका सिर मुंडवा दिया गया और उन्हें अपमानित करते हुए महिला के पैरों में नाक रगड़वाया गया। इस अमानवीय कृत्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रदेशभर में उबाल है।
जाति पूछकर किया हमला, ‘ब्राह्मणों के गांव में उत्पीड़न
कथावाचक मुकुट मणि सिंह यादव कानपुर के रहने वाले हैं और इटावा में रहकर भागवत कथा का कार्य करते हैं। उनके अनुसार, 21 से 27 जून तक दादरपुर गांव में पप्पू बाबा नामक व्यक्ति ने भागवत कथा की बुकिंग की थी। पहले ही दिन जब भोजन के दौरान उनकी जाति पूछी गई और उन्होंने यादव बताया, तो पप्पू बाबा और अन्य लोगों ने उन पर दलित होने का आरोप लगाते हुए उन्हें पीट दिया।
सिर मुंडवाया, नाक रगड़वाई, 25 हजार और चेन छीनी, हारमोनियम तोड़ा
पीड़ित ने बताया कि लगभग 50 लोगों की भीड़ ने लात-घूंसों और चप्पलों से उनकी पिटाई की। महिला के पैरों में नाक रगड़वाने, गांव के लोगों के जूतों पर माफी मंगवाने और उनके साथी को भी मारने के बाद सिर मुंडवा दिया गया। हारमोनियम तोड़ दिया गया और 25,000 रुपये नकद व सोने की चेन भी लूट ली गई।
एसएसपी से की शिकायत, चार आरोपी गिरफ्तार
सोमवार को पीड़ित कथावाचक समाजवादी पार्टी के सांसद जितेंद्र दोहरे के साथ SSP बृजेश कुमार श्रीवास्तव से मिले और कड़ी कार्रवाई की मांग की। SSP के आदेश पर चार नामजद और 50 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई। पुलिस ने आशीष, उत्तम, प्रथम उर्फ मनु और निक्की को गिरफ्तार कर लिया है।
अखिलेश यादव की चेतावनी: ‘यह पीढ़ीगत अपमान है, आंदोलन होगा’
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस कृत्य को “पीढ़ीगत अपमान” बताया और कहा कि अगर तीन दिन में दोषियों पर कठोर कार्रवाई नहीं हुई तो समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन करेगी। उन्होंने इसे सामाजिक न्याय और संविधान पर हमला बताया।
सपा ने दी संसद में मुद्दा उठाने की चेतावनी
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्ष ने इसे सरकार की दलित-विरोधी मानसिकता का परिणाम बताया है। सांसद जितेंद्र दोहरे ने चेताया कि यदि प्रशासन ठोस कदम नहीं उठाता, तो सपा इसे संसद में उठाएगी।
जातिगत भेदभाव की जड़ उजागर
दादरपुर की यह घटना ना सिर्फ एक व्यक्ति पर अत्याचार है, बल्कि यह जातिगत भेदभाव की उस जड़ को उजागर करती है जो अब भी समाज में गहराई से बैठी है। यह संविधान और धर्म दोनों के मूल्यों का अपमान है। जरूरत है कि शासन-प्रशासन इस पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करे ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे और दोबारा कोई मुकुट मणि अपमानित न हो।