लालू के इस लाल ने पलट दिया पूरा खेल, न RJD.. न परिवार.. तो क्या ? मोदी से लेकर सम्राट तक सब हैरान

तेज प्रताप यादव, जो RJD प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र हैं, ने हाल ही में X (पूर्व ट्विटर) पर एक तेजस्वी पोस्ट साझा की, जिसमें उन्होंने साफ शब्दों में संकेत दिया कि उनकी राजनीतिक भूमिका जनता और सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा—ना कि कोई दल या परिवार। इस बयान के अगले दिन बिहार की राजनीति में फिर हलचल मची, खासकर जब यह पोस्ट उनके RJD से निष्कासन और अनुष्का यादव विवाद के बाद आया।

निष्कासन की पृष्ठभूमि

24 मई 2025 को तेज प्रताप ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि वह 12 वर्षों से अनुष्का यादव नाम की महिला के साथ संबंध में हैं। बाद में दावा किया कि उनका अकाउंट हैक हुआ था।

25 मई 2025 को लालू यादव ने तेज प्रताप को RJD से 6 वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया। उन्होंने इस कदम का जवाब देते हुए कहा कि तेज प्रताप का आचरण “पारिवारिक मूल्यों के विपरीत” था।

तेजस्वी यादव ने संयम बरतने की सलाह दी, जबकि बेटी रोहिणी आचार्य ने सोच-समझकर बोलने की सलाह दी।

तेज प्रताप का X पोस्ट

19 जून 2025 को उन्होंने लिखा: “मेरी खामोशी को मेरी कमजोरी समझने की भूल करने वालों… शुरुआत तुमने की, अंत मैं करूंगा… मेरी भूमिका मेरी प्यारी जनता और माननीय सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा, कोई दल या परिवार नहीं…”
इस पोस्ट के साथ उन्होंने लालू की तस्वीर के सामने खड़े होने की एक तस्वीर भी साझा की, जो उनके विद्रोह को भावनात्मक और दृढ़ता के साथ दिखाती है ।

https://twiteer.com/TejYadav14/status/1935653667446677641

राजनीतिक और कानूनी मोड़

तेज प्रताप ने स्पष्ट रूप से संकेत दिया कि वे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकते हैं: उन्होंने कहा कि “रोल मेरी प्यारी जनता और… सर्वोच्च न्यायालय तय करेगा”

इसे कई विश्लेषक राजनीतिक विद्रोह का कानूनी अंजाम मान रहे हैं, जो RJD नेतृत्व को चुनौती देता है और बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर तेजस्वी की ताकत को प्रभावित कर सकता है।

बिहार की राजनीति पर असर

RJD में टूट की संभावना
तेज प्रताप की चेतावनी और कानूनी दांव ने RJD के अंदर मतभेदों को उजागर किया है। परिवार के दो धड़े बनते नज़र आ रहे हैं—एक तेजस्वी के नेतृत्व में, दूसरा तेज प्रताप की राह पर।

चुनावी माहौल

विधानसभा चुनाव से पहले यह घटनाक्रम राजनीतिक दुश्मनों के लिए RJD को निशाने पर लाने का मौका दे सकता है। भाजपा और JDU इसका इस्तेमाल “परिवारवाद” की तकरार के रूप में कर सकते हैं।
जनता की भूमिका

तेज प्रताप ने खासकर जनता का ज़िक्र किया – “जनता तय करेगी” – जो यह संकेत देता है कि वे अपने लिए जनाधार बनाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं ।

विवाद को लेकर भितरी जानकारी

अनुष्का विवाद की तहें: लालू के भतीजे नागेंद्र राय ने आरोप लगाया कि अनुष्का और उनके परिवार ने तेज प्रताप को “हनीट्रैप” में फंसाया, जिसमें तंत्र-मंत्र और राजनीति का इस्तेमाल हुआ।

ये दावे पारिवारिक विवादों को और गहराते हैं, जिसमें केवल व्यक्तिगत नहीं, बल्कि सामूहिक और संरचनात्मक संघर्ष दिखाई देता है।

तेज प्रताप यादव का यह पोस्ट केवल एक शुरुआती इशारा नहीं बल्कि राजनीतिक विद्रोह और कानूनी टकराव की शुरुआत है। इसका असर न सिर्फ RJD पर, बल्कि बिहार की आगामी राजनीति पर भी गहरा होगा। सुप्रीम कोर्ट तक जाने का संकेत इस लड़ाई को और गंभीर बनाता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता और न्याय प्रणाली किस पक्ष में झुकती है।

 

Related Articles

Back to top button