जहां प्रेमी-प्रेमिका भी एक न हों, वो मुद्दा “आरक्षण”, बॉयफ्रेंड ने ही खोली गर्लफ्रेंड की पोल.. लड़की समेत 5 पर FIR

बदायूं जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक युवती पर फर्जी जाति प्रमाणपत्रों के आधार पर प्रेमजाल बिछाने, धोखाधड़ी, आरक्षण का गलत लाभ लेने और हिंसा-लूटपाट जैसे गंभीर आरोप लगे हैं। पीड़ित युवक की शिकायत पर जब थाने में सुनवाई नहीं हुई, तो उसने कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस ने युवती समेत पांच आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

प्रेमजाल में फंसाकर रचाई साजिश, फर्जी जातियों के दिखाए प्रमाणपत्र

उसावां थाना क्षेत्र के गांव अहमद नगर रुखाड़ा निवासी प्रमोद राठौर ने बताया कि उसहैत थाना क्षेत्र की एक युवती ने खुद को यादव जाति की बताकर उसे प्रेमजाल में फंसा लिया। बाद में जब उसे सच्चाई का पता चला कि युवती असल में खटिक जाति की है, तो उसने विरोध किया। जवाब में युवती ने तीन जातियों—खटिक, अहीर और जाटव—के जाति प्रमाणपत्र दिखा दिए।

युवती ने इन्हीं प्रमाणपत्रों के सहारे कई प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षण का लाभ लिया और सरकारी योजनाओं में भी सुविधाएं प्राप्त कीं।

धोखाधड़ी उजागर होने पर साथ छोड़ा

प्रमोद ने बताया कि जब उसने युवती की धोखाधड़ी में साथ देने से इनकार कर दिया, तो युवती उससे अलग हो गई। अब वह गांव के ही एक अन्य युवक के साथ रह रही है। प्रेम-विश्वास के नाम पर शुरू हुआ यह रिश्ता अब मुकदमेबाजी और कानूनी झंझट का रूप ले चुका है।

परिवार पर दर्ज कराए गंभीर मुकदमे

मामले की गंभीरता इसी से समझी जा सकती है कि युवती ने भी प्रमोद के भाई सुधीर कुमार, बहनोई पप्पू राठौर, मुन्ना लाल राठौर और अशोक वर्मा पर SC/ST एक्ट, बलात्कार, छेड़छाड़, मारपीट और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया है। यह रिपोर्ट सिविल लाइंस थाने में दर्ज हुई है।

फर्जी प्रमाणपत्रों की शिकायत पर हमला और लूटपाट का आरोप

प्रमोद का कहना है कि उसने युवती के फर्जी प्रमाणपत्रों की शिकायत उच्चाधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत करने के बाद, 24 अक्टूबर 2024 को युवती अपने पिता, भाई और नए प्रेमी के साथ उसके घर में घुस आई। उसने प्रमोद की मां रामवती से मारपीट की, गाली-गलौज की और घर में तोड़फोड़ करते हुए 20 हजार रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवरात लूट लिए।

सार्वजनिक रूप से जानलेवा हमला, पुलिस की चुप्पी से कोर्ट की शरण

प्रमोद ने आगे बताया कि 1 दिसंबर 2024 को सुबह करीब 9 बजे गांव के बाहर उसके साथ फिर से मारपीट की गई और उसे जान से मारने की धमकी दी गई। थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गया तो कोई सुनवाई नहीं हुई। मजबूरन उसने कोर्ट का रुख किया।

कोर्ट के आदेश के बाद उसावां पुलिस ने युवती समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है।

मामले ने उठाए प्रशासन और कानून-व्यवस्था पर सवाल

यह मामला प्रशासन की कार्यशैली और कानून-व्यवस्था की निष्क्रियता पर सवाल खड़े करता है। फर्जी जाति प्रमाणपत्र जैसे गंभीर अपराध और दोतरफा गंभीर आरोपों के बावजूद समय पर कार्रवाई न होना चिंता का विषय है।

जांच के बाद हो सकता है बड़ा खुलासा

पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो यह मामला न केवल जातिगत प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाएगा, बल्कि फर्जीवाड़े के माध्यम से सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग की बड़ी साजिश को भी उजागर करेगा।

 

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