‘Drishyam’ मूवी भी फेल ! घर के सामने खुलेआम सड़क में गाड़ी बहू की लाश, एक गलती ने बिगाड़ दी ‘हैप्पी एंडिंग’

फरीदाबाद (रोशन नगर) में एक 25 वर्षीय विवाहित महिला, तन्नू कुमार, की चौंकाने वाली हत्या सामने आई है। कथित तौर पर उसके ससुराल वालों ने सड़क पर 10–12 फीट गहरे गड्ढे में उसे दफनाया और दो महीने तक लाश को छिपाए रखा। परिवार ने उसे गुमशुदा बताया, लेकिन पुलिस की जांच में अत्यंत खूनी सच उजागर हुआ।

कौन थी पीड़िता और था कहाँ से विवाह?

तन्नू कुमार मूलतः उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले के शिकोहाबाद की निवासी थीं। मई 2023 में उनकी फरीदाबाद के रोशन नगर निवासी अरुण सिंह से शादी हुई थी। शादी के बाद घरेलू तनाव और दहेज उत्पीड़न की शिकायतें उनके परिवार द्वारा दर्ज कराई गयीं।

‘दृश्यम-स्टाइल’ गड्ढा और दो महीने की छलावा रणनीति

अप्रैल 2025 के अंत में ससुराल वालों ने घर के सामने सड़क में 8–12 फीट गहरा गड्ढा खंदा, जिसे उन्होंने बाद में सीवरेज या वाटर-लॉगिंग चेतावनी कहकर सामान्य बताया ।

इनके आरोपों के मुताबिक दो महीने तक तन्नू ‘मंगलचुका’ समझकर गायब बताई गई थी, और उसके द्वारा एक गुमशुदगी रिपोर्ट ही दर्ज कराई गई ।

पोस्टमोर्टम और कब गड्ढा खोदा गया

शुक्रवार (20–21 जून 2025) की सुबह फरीदाबाद पुलिस और स्थानीय तहसीलदार की उपस्थिति में उस गड्ढे की खुदाई की गई और तन्नू का शव मिला

शव को पहचानने पर उसके शवदाह हेतु भेजा गया; डॉक्टरों ने कहा कि लाश का केस पुराना था और पोस्टमोर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो पाएगी ।

आरोपी कौन हैं, क्या हैं आरोप?

पुलिस ने तन्नू के पति अरुण सिंह, ससुर भूप सिंह, सास सोनिया, ननद काजल पर हत्या, साझी नियत, आत्मा-छिपाव और सामूहिक षड्यंत्र जैसी धाराओं में एफआईआर दर्ज की है।भूप सिंह और अरुण को हिरासत में लिया गया है; सोनिया, काजल और अन्य सदस्य अभी भी गिरफ्तार करने की प्रक्रिया जारी है।

दहेज हत्या या वैवाहिक तनाव?

मृतका के पिता हाकिम ने आरोप लगाया है कि लाश मिलने से पहले ससुराल से बार-बार दहेज की मांग और मानसिक उत्पीड़न होता रहा ।

प्रारंभिक जांच से संकेत हैं कि हत्या का कारण दहेज और घरेलू विवाद हो सकता है, लेकिन पुलिस अब भी पुष्टि के लिए पोस्टमोर्टम और जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रही है ।

जांच की दिशा और भविष्य की कार्रवाई

पुलिस ने भूप सिंह के बयान के आधार पर मामला हत्या का करार दिया है, न कि केवल गुमशुदगी ।

अरुण सिंह सहित पूरे परिवार पर Sections 103(1), 3(5), 61, और संभावित दहेज हत्या कानून (Section 304B, Dowry Prohibition Act) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

पुलिस टीम अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही है, और पोस्टमोर्टम रिपोर्ट आने पर साक्ष्य मजबूत होंगे।

सामाजिक प्रभाव और कानून की प्रतिक्रिया

यह मामला भारत में घरेलू हिंसा और दहेज से प्रेरित अपराधों की काली तस्वीर फिर से उजागर करता है।

स्थानीय महिलाओं के अधिकार कार्यकर्ताओं ने घटना की निंदा की है और मांग की है कि दोषियों को जल्द से जल्द कठोर अपराधों की कार्रवाई के अंतर्गत फ़ांसी की सजा मिले।

पुलिस भी कह रही है कि कानूनी प्रक्रिया के अंतिम निर्णय तक दोषियों को इंसाफ दिलाया जाएगा।

फरीदाबाद की यह घटना न केवल व्यक्तिगत त्रासदी का प्रतीक है, बल्कि घरेलू उत्पीड़न और पारिवारिक हिंसा की जटिल वास्तविकता को दर्शाती है। पुलिस और कानूनी तंत्र की भूमिका अब यह सुनिश्चित करने की होगी कि इस तरह की भयानक घटनाएँ दोबारा न हों और परिवार न्यायिक प्रक्रिया से गुजारे गए समय से सबक लें।

 

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