यूपी में ‘बिजली मंत्री’ और ‘स्वास्थ्य मंत्री’ के बीच टकराहट ? अखिलेश यादव की पोस्ट से Viral Video पर बवाल !

उत्तर प्रदेश के हरदोई मेडिकल कॉलेज में बिजली कटौती के कारण आईसीयू वार्ड का नजारा किसी बदहाल अस्पताल से कम नहीं रहा। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि तीमारदार मरीजों को हाथ से पंखा झल रहे हैं। ICU जैसे संवेदनशील स्थान पर बिजली न होना और गर्मी के कारण मरीजों की हालत बिगड़ना, प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

“इंजन फेल है, डिब्बे बढ़ते जा रहे हैं” – अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए लिखा—

“अब क्या बिजली मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री जी के बीच भी कुछ टकराहट है, जिसके कारण स्वास्थ्य मंत्री जी के अपने जनपद हरदोई में मेडिकल कॉलेज की अलग लाइन होने के बावजूद भी आईसीयू वार्ड तक में बिजली न आने की खबरें बनीं।”

उन्होंने आगे कहा—

“हमारा ‘स्वास्थ्य मंत्री’ जी से फिर से आग्रह है कि इधर-उधर की राजनीति छोड़ें और यहाँ-वहाँ की भागदौड़ भी, उससे कुछ भी हासिल नहीं होगा। वैसे भी ‘वो’ तो तीसरे नंबर पर भी नहीं हैं, सुना है कि ‘प्रतीक्षारत’ की सूची में औरों का नाम भी जुड़ गया है। मोहरे बिछा दिए गए हैं, बस शह देना बाकी है।”

यह बयान सीधे तौर पर भाजपा की आंतरिक राजनीति और उसकी कार्यशैली पर सवाल उठाता है।

भाजपा सरकार की असफल नीतियां या दिखावे की व्यवस्थाएं?

उत्तर प्रदेश सरकार भले ही स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार के दावे करती हो, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। हरदोई मेडिकल कॉलेज की यह घटना कोई पहला मामला नहीं है—ऐसे वीडियो और खबरें लगातार प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से सामने आ रही हैं। सरकार के दावे और जमीनी हकीकत में फर्क अब खुलकर सामने आने लगा है।

जनरेटर की कमी और बिजली की अनियमितता बनी प्रमुख समस्या

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, मेडिकल कॉलेज में जनरेटर की व्यवस्था नहीं होने या उसकी खराब हालत के कारण बिजली कटौती के दौरान मरीजों को अत्यधिक परेशानी उठानी पड़ी। ICU जैसी जगह पर बैकअप पावर की कमी सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि सीधी स्वास्थ्य सुरक्षा में विफलता है।

मरीज और तीमारदार दोनों बेहाल

वीडियो में स्पष्ट दिख रहा है कि मरीज बिस्तरों पर गर्मी से तड़प रहे हैं और तीमारदार हाथ से पंखा झलकर राहत देने की कोशिश कर रहे हैं। यह दृश्य न सिर्फ हृदयविदारक है बल्कि योगी सरकार के “बेहतर स्वास्थ्य सुविधा” के दावे की पोल खोलता है।

विपक्ष की भूमिका और सवालों का दबाव

इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी ने सरकार से तत्काल कार्रवाई और स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की मांग की है। विपक्ष यह भी सवाल उठा रहा है कि जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ “डबल इंजन की सरकार” का गुणगान करते हैं, तब ऐसे हादसे कैसे हो रहे हैं?

विकास के शोर में सिसकती संवेदनाएं

हरदोई की यह घटना स्पष्ट संकेत है कि प्रदेश में सिर्फ घोषणाएं और सोशल मीडिया प्रचार नहीं, बल्कि जमीनी कार्यवाही की ज़रूरत है। अखिलेश यादव का बयान भाजपा सरकार के असली चेहरे को उजागर करता है—जहाँ व्यवस्था सिर्फ कागजों में है और जमीनी स्तर पर आम जनता पसीना बहा रही है, यहां तक कि ICU में भी।

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