BJP को बता दिया अंग्रेजों का शागिर्द, अखिलेश यादव ने कहा– “डिवाइड एंड रूल से राज करना चाहती भाजपा”

समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा पर एक वीर खाई आरोप लगाया है—कि वह ब्रिटिशकालीन ‘डिवाइड एंड रूल’ नीति को आज भी राजनीति में लागू कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा अपने राजनैतिक फायदे के लिए समाज में जाति और धर्म के विभाजन को बढ़ावा दे रही है, जिससे देश की सामाजिक ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है।
‘ब्रिटिशों जैसा कार्य’—भाजपा को कटाक्ष
29 अगस्त 2022 को लखनऊ में प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश ने कहा कि भाजपा अंग्रेजों की उसी पुरानी रणनीति पर चल रही है—जिसमें समाज को धर्म और जाति के नाम पर बाँटा जाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा न सिर्फ आम जनता में दरार डाल रही है, बल्कि विपक्षी दलों के बीच भी विभाजन की राजनीति कर रही है।
डिवाइड & रूल का जवाब
इस आरोप के मद्देनजर अखिलेश ने विपक्षी एकता की ओर अपनी रेखा दिखाई—तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, ममता बनर्जी सहित अन्य नेता विपक्ष को संगठित करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा लाया गया विभाजन ‘नेगेटिव पोलिटिक्स’ का उदाहरण है, जबकि विपक्ष ‘पॉजिटिव पोलिटिक्स और विकास के लिए एकजुट है’ ।
नीति पर पैनी बात
अखिलेश ने भाजपा की आलोचना की कि उसने नोटबंदी, जीएसटी जैसे बड़े सुधारों को भ्रष्टाचार और बेरोज़गारी कम करने का दावा किया था, लेकिन वास्तव में महँगाई और बेरोज़गारी बढ़ी है। साथ ही उन्होंने ‘बटोगे तो काटोगे’ जैसे नकारात्मक नारे और ‘उठाओ-पुलिस-भेंजो’ जैसे विभाजनकारी भाषणों को भी ‘ब्रिटिश रणनीति’ का हिस्सा बताया ।
क्या भाजपा की राजनीति गहरे विभाजन तक जाएगी ?
अखिलेश यादव का आरोप भाजपा की विभाजनकारी नीतियों पर केंद्रित है, जिसमें ‘ब्रिटिशकालीन फॉर्मूला’ को अमल में लाने का दावा किया गया। उन्होंने विपक्षी एकता और सकारात्क समर्थन से इसे टक्कर देने की रणनीति अपनाई है। अब ज़रूरत है कि क्या भाजपा इन आरोपों के बीच राजनैतिक संवाद और विकास के मुद्दों पर आगे बढ़ पाएगी, या फिर यह बयान विपक्षी एकता की राह आसान करेगा।