दो मुँह.. तीन ऑंखें ! यूपी जन्मा अनोखा गाय का बछड़ा.. देखने को जुटी भीड़, देवी समझ लोग उतारने लगे आरती

उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के टीकरी कस्बे में उस समय हड़कंप मच गया जब एक गाय ने ऐसा विचित्र बछड़ा जन्मा, जिसे देखकर हर कोई दंग रह गया। बछड़े के दो मुंह और तीन आंखें हैं। इस अनोखी संरचना को देखकर जहां वैज्ञानिक इसे जेनेटिक म्यूटेशन बता रहे हैं, वहीं ग्रामीण इसे ईश्वरीय संकेत और चमत्कार मान रहे हैं।

बछड़े के जन्म की खबर फैलते ही जुट गई भीड़

गुरुवार सुबह से ही टीकरी कस्बे में लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। यह भीड़ सिर्फ स्थानीय लोगों की नहीं, बल्कि दिल्ली, मेरठ, शामली और आसपास के कई जिलों से आई थी। लोगों ने बछड़े को देखने के लिए न केवल लंबी दूरी तय की, बल्कि उसके चरणों में झुककर पूजा भी की और रुपये भी चढ़ाए।

ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने आज तक ऐसा कोई बछड़ा नहीं देखा, और यह निश्चित रूप से कोई दिव्य संकेत है।

8 साल पहले ली गई बछिया ने दिया विचित्र बछड़े को जन्म

यह विचित्र बछड़ा मुस्लिम समाज से ताल्लुक रखने वाले जाहिद के घर जन्मा है। जाहिद ने लगभग आठ साल पहले रामकुमार शर्मा नामक व्यक्ति से एक बछिया ली थी, जिसकी वह पूरी श्रद्धा और सेवा भाव से देखभाल करते रहे हैं। यह गाय पहले भी छह बार बछड़े को जन्म दे चुकी है, लेकिन इस बार जन्मा बछड़ा अपनी अनोखी बनावट के कारण चर्चा में है।

बछड़ा बुधवार रात को जन्मा और सुबह होते-होते यह खबर पूरे क्षेत्र में फैल गई।

रोज़ बढ़ रही है भक्तों और दर्शकों की संख्या

जाहिद की बेटी रौनक और पत्नी परवीन के अनुसार, उनके घर पर अब भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया है। आस-पास के गांवों के लोग ही नहीं, बल्कि शहरों से भी लोग लगातार बछड़े को देखने आ रहे हैं। बछड़े का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिससे घटना ने इंटरनेट पर भी खूब ध्यान खींचा है।

जेनेटिक म्यूटेशन का मामला

जहां एक ओर ग्रामीण इसे आस्था और चमत्कार से जोड़ रहे हैं, वहीं पशुपालन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह मामला Genetic Mutation (आनुवंशिक विकृति) का हो सकता है। ऐसे मामलों में भ्रूण के विकास के समय कोशिकाओं में असामान्य परिवर्तन हो जाते हैं, जिससे इस तरह की संरचनाएं उत्पन्न होती हैं।

हालांकि विभागीय जांच अभी चल रही है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण इसे एक प्राकृतिक प्रक्रिया का हिस्सा मानता है।

धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला, प्रशासन सतर्क

जैसे-जैसे बछड़े की चर्चा बढ़ रही है, स्थानीय प्रशासन भी सतर्क हो गया है। भीड़ को नियंत्रित करने और जानवर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इलाके में पुलिस की तैनाती की गई है।

वहीं, धार्मिक संगठनों और ग्रामीणों के बीच इस बात की चर्चा है कि बछड़े की किसी मंदिर में स्थापना की जाए या नहीं।

चमत्कार या विज्ञान ?

टीकरी का यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि हम विज्ञान और आस्था के बीच कैसे संतुलन बनाएँ। जहां वैज्ञानिक तथ्यों के अनुसार यह एक जेनेटिक परिवर्तन है, वहीं आम जनता की नजर में यह एक चमत्कारी घटना है।

इस तरह की घटनाएं समाज में धार्मिक आस्था, प्राकृतिक विज्ञान और सामाजिक प्रतिक्रिया के बीच की जटिलता को उजागर करती हैं।

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