शिलापट्टी पर नाम नहीं दिखा तो भड़क गए ‘नेता जी’, उठा लिया फावड़ा और कर दिया कांड.. वीडियो हुआ वायरल

राजनीति में नाम और पद का महत्व किस कदर हावी होता है, इसका ताजा उदाहरण बीना के वीर सावरकर वार्ड में सामने आया। यहां नगर पालिका उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैया ने शिलान्यास पट्टी पर अपना नाम न देखकर न केवल नाराजगी जताई, बल्कि सार्वजनिक रूप से शिला पट्टी को फावड़े से तोड़कर चकनाचूर कर दिया। यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
नाम न होने पर भड़के उपाध्यक्ष, फावड़े से कर दी शिलापट्टी चकनाचूर
15.60 लाख रुपये की लागत से बनने वाली सड़क के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान जब शिलान्यास पत्थर का अनावरण किया गया, तभी उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैया को पता चला कि उस पर उनका नाम नहीं है। बस फिर क्या था, वह गुस्से में लाल हो गए और पूजा स्थल पर रखी कुदाल (फावड़ा) उठाकर शिलापट्टी को सार्वजनिक मंच पर ही तोड़ डाला।
सीएमओ पर लगाया जानबूझकर अनदेखी का आरोप
उपाध्यक्ष बिलगैया ने आरोप लगाया कि नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) रामप्रकाश जगनेरिया उन्हें लगातार नजरअंदाज करते हैं। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक गलती नहीं बल्कि उनके पद और सम्मान का अपमान है। उन्होंने कहा, “हर सरकारी कार्यक्रम में मेरी अनदेखी की जाती है। यह राजनीति नहीं, बल्कि साज़िश है।”
विधायक और अध्यक्ष ने दिया उपाध्यक्ष का साथ
इस विवाद के बाद विधायक निर्मला सप्रे और नगर पालिका अध्यक्ष लता सकवार ने उपाध्यक्ष का समर्थन किया। दोनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि शिलान्यास पत्थर पर उपाध्यक्ष का नाम न होना गलत है और इसकी जिम्मेदारी नगर पालिका प्रशासन की है। उन्होंने सीएमओ को आड़े हाथों लेते हुए इस लापरवाही को गंभीर बताया।
बवाल के तुरंत बाद की पूजा, लोगों में उठे सवाल
घटना के मजेदार पहलू की बात करें तो उपाध्यक्ष रमाकांत बिलगैया ने पत्थर तोड़ने के कुछ ही मिनटों बाद खुद को शांत करते हुए पूजा स्थल पर बैठकर विधिवत पूजा भी की। इस दृश्य को देखकर कार्यक्रम में उपस्थित लोग भी चकित रह गए।
स्थिति संभालने को दोबारा हुआ शिलान्यास कार्यक्रम
बवाल बढ़ता देख प्रशासन हरकत में आया और हालात को काबू में करने के लिए उसी स्थान पर दोबारा शिलान्यास कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस बार शिलापट्टी पर उपाध्यक्ष का नाम शामिल किया गया, ताकि आगे किसी प्रकार की प्रशासनिक या राजनीतिक असहमति न हो।