Assembly By-election 2025: अचानक दिलचस्प हुआ यह उपचुनाव, 4 राज्यों में 5 सीटों पर वोटिंग शुरू.. देखें रिपोर्ट

देश के चार अहम राज्यों में आज विधानसभा उपचुनाव (Assembly Bypolls 2025) के लिए मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात की पांच विधानसभा सीटों पर हो रहे इन उपचुनावों को आगामी राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सुबह 7 बजे से ही मतदान केंद्रों पर वोटरों की कतारें नजर आईं, जिससे लोकतंत्र के प्रति जनता का भरोसा एक बार फिर स्पष्ट हुआ।

किन राज्यों में हो रहा है उपचुनाव?

इस बार जिन राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल और गुजरात शामिल हैं। इन चारों राज्यों की कुल पांच विधानसभा सीटें खाली होने के चलते यह उपचुनाव आवश्यक हो गया। यह उपचुनाव न केवल क्षेत्रीय राजनीति को प्रभावित करेगा, बल्कि आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भी एक संकेत देने वाला माना जा रहा है।

सुबह 7 बजे से शुरू हुआ मतदान

चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत मतदान प्रक्रिया सुबह 7 बजे शुरू हुई, जो शाम तक जारी रहेगी। शुरुआती घंटों में ही मतदान केंद्रों पर अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली। महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह नजर आया। आयोग ने मतदान को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए हैं।

राजनीतिक दलों की रणनीति और उम्मीदवार

उपचुनाव के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। हर पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है, क्योंकि ये उपचुनाव राजनीतिक प्रतिष्ठा से भी जुड़े हुए हैं। क्षेत्रीय नेताओं ने जनसभाएं और नुक्कड़ सभाएं कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश की। इन चुनावों को राजनीतिक दलों के लिए एक ‘लिटमस टेस्ट’ के तौर पर देखा जा रहा है।

चुनाव आयोग की सख्त निगरानी

चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को सुचारु और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था की है। प्रत्येक मतदान केंद्र पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। साथ ही सीसीटीवी कैमरों के जरिए भी निगरानी रखी जा रही है। ईवीएम और वीवीपैट की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किए गए हैं।

जनता का जोश और लोकतंत्र का उत्सव

इन उपचुनावों में जनता का जोश देखने लायक है। युवाओं के साथ-साथ पहली बार वोट देने वाले मतदाता भी खासा उत्साहित नजर आ रहे हैं। यह चुनाव केवल एक सीट के प्रतिनिधि चुनने का माध्यम नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जीवंतता का प्रतीक भी है।

उपचुनाव के नतीजे देंगे बड़ा राजनीतिक संकेत

इन पांच सीटों पर हो रहा उपचुनाव राजनीतिक दलों की जमीनी पकड़ को परखने का भी माध्यम बनेगा। मतगणना के बाद आने वाले नतीजे यह तय करेंगे कि किस दल को जनता का समर्थन मिला और किसे आत्ममंथन की जरूरत है।

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