महिला पुलिस को पीटा.. लाठी-डंडे लेकर दौड़ाया, सरकारी गाड़ियां तोड़ी, बुलडोजर एक्शन पर भयंकर बवाल

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बुधवार को उस समय हंगामा मच गया जब अतिक्रमण हटाने पहुंची निगम की टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया। मामला रायपुर के जोन-3 ऑफिस का है, जहां महिलाओं और बच्चों ने मिलकर जबरदस्त हंगामा किया। इस दौरान न सिर्फ सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, बल्कि महिला पुलिसकर्मी से भी मारपीट की गई।
अतिक्रमण हटाने पहुंची टीम का महिलाओं और बच्चों ने किया विरोध
बुधवार को नगर निगम की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए रायपुर के बंजारी नगर इलाके में पहुंची थी। प्रशासनिक निर्देशों के तहत इस क्षेत्र में लंबे समय से अवैध निर्माण को हटाने की योजना थी। लेकिन जैसे ही टीम ने कार्रवाई शुरू की, वहां मौजूद महिलाओं और बच्चों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।
निगम जोन-3 ऑफिस में जबरन घुसी भीड़, की जमकर तोड़फोड़
कार्रवाई से गुस्साई भीड़ बाद में रायपुर नगर निगम के जोन-3 ऑफिस में घुस गई। यहां महिलाओं और बच्चों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया और ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ की। कुर्सियां, फाइलें, शीशे और कई सरकारी सामान तोड़ डाले गए। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे लोग पूरी तैयारी से आए थे।
महिला पुलिसकर्मी से की गई मारपीट
हंगामे के दौरान एक महिला पुलिसकर्मी को भी पीटा गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि भीड़ ने उन्हें धक्का देकर गिरा दिया और फिर मारपीट की। यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में गुस्सा भी बढ़ रहा है कि कानून की रक्षक महिलाओं को ही निशाना बनाया गया।
सरकारी गाड़ियों को भी पहुंचाया नुकसान
भीड़ ने निगम की दो सरकारी गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया। वाहनों के शीशे तोड़े गए और लाठियों से हमला किया गया। इस हिंसा से आक्रोशित होकर निगम कर्मचारी लामबंद हो गए हैं और उन्होंने विरोध दर्ज कराने की चेतावनी दी है। कर्मचारियों का कहना है कि यदि ऐसे हमलों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे काम बंद आंदोलन पर जा सकते हैं।
पुलिस ने दर्ज की FIR, आरोपियों की पहचान जारी
रायपुर पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज कर ली है और घटना की जांच शुरू कर दी गई है। वीडियो फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
समाज में बढ़ती असहिष्णुता पर सवाल
यह घटना न सिर्फ प्रशासन के लिए चिंता का विषय है बल्कि समाज में बढ़ती असहिष्णुता को भी उजागर करती है। जब सरकारी अधिकारी कानूनी कार्रवाई के तहत अपना काम करने जाते हैं और उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार होता है, तो यह पूरे सिस्टम को चुनौती देने जैसा है।