बड़ी खबर: अमेरिकी राष्ट्रपति को हुआ खतरनाक कैंसर, हड्डियों तक फैला.. फिलहाल नियंत्रण में स्तिथि, लेकिन..

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को प्रोस्टेट कैंसर होने की पुष्टि हुई है। व्हाइट हाउस के डॉक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार, बाइडेन की प्रोस्टेट ग्रंथि में कैंसर कोशिकाएं पाई गईं, जिनका इलाज किया जा चुका है। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल उनकी हालत स्थिर और नियंत्रण में है।

सफल बायोप्सी और इलाज के बाद स्थिति नियंत्रण में

बाइडेन के निजी चिकित्सक डॉ. केविन ओ’कोनर ने कहा कि राष्ट्रपति के प्रोस्टेट से कैंसर कोशिकाएं बायोप्सी के ज़रिए हटाई गईं और उन्हें किसी आक्रामक ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं है। डॉक्टरों ने यह भी बताया कि वे इलाज के बाद सक्रिय रूप से अपने दायित्व निभा रहे हैं और उनकी मेडिकल निगरानी जारी है।

स्वास्थ्य बना चिंता का विषय

82 वर्षीय जो बाइडेन अब तक के सबसे उम्रदराज अमेरिकी राष्ट्रपति हैं। प्रोस्टेट कैंसर के खुलासे के बाद एक बार फिर उनकी मानसिक और शारीरिक स्थिति को लेकर सार्वजनिक और राजनीतिक स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है। हाल ही में उन्होंने 2024 के चुनावों में हिस्सा नहीं लेने का ऐलान भी किया था।

2023 में भी हो चुका है स्किन कैंसर का इलाज

यह पहली बार नहीं है जब बाइडेन को कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ा हो। साल 2023 में, उनकी छाती पर बेसल सेल स्किन कैंसर का निदान हुआ था। उस समय भी सर्जरी द्वारा कैंसर कोशिकाएं हटा दी गई थीं, और डॉक्टरों ने उन्हें पूरी तरह स्वस्थ घोषित किया था।

क्या है प्रोस्टेट कैंसर और इसके खतरे?

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में 50 वर्ष की उम्र के बाद तेजी से फैलने वाला कैंसर है। यह ग्रंथि पुरुष प्रजनन प्रणाली का हिस्सा होती है और उम्र के साथ इसका आकार बढ़ सकता है।

प्रोस्टेट ग्लैंड्स पुरुषों के प्रजनन तंत्र का अहम हिस्सा है। इसमें बनने वाला लिक्विड स्पर्म की सुरक्षा करता है, उसे पोषण देता है और उन्हें फीमेल रिप्रोडक्टिव अंगों तक पहुंचाने में मदद करता है। यह इजेकुलेशन और यूरिनेशन के बीच एक मेकेनिकल स्विच का काम करता है। इजेकुलेशन के दौरान प्रेशर के साथ सीमन को यूरेथ्रा से बाहर फेंकता है।

आमतौर पर प्रोस्टेट ग्लैंड का वजन करीब 30 ग्राम होता है। उम्र के साथ इसका साइज बढ़ता रहता है। लेकिन, कई बार इसके बढ़ने की वजह कैंसर जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

हड्डियों तक फैल चुका है कैंसर

इस कैंसर का शुरुआती चरण में पता चलना इलाज को आसान बना सकता है, लेकिन यदि देर हो जाए, तो यह कैंसर ब्लैडर, लिवर, हड्डियों और अन्य अंगों तक फैल सकता है। बताया जा रहा है कि बाइडेन के मामले में यह कैंसर अब हड्डियों तक फैल चुका है। बाइडेन के ऑफिस ने रविवार को बयान जारी कर इसकी जानकारी दी है।

इलाज के प्रभाव: प्रजनन क्षमता और हार्मोन पर असर

प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में अक्सर हॉर्मोन थेरेपी और रेडिएशन थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है, जो पुरुषों की प्रजनन क्षमता और इरेक्टाइल फंक्शन को प्रभावित कर सकती है। गंभीर मामलों में प्रोस्टेट ग्रंथि को सर्जरी से निकालना भी पड़ सकता है।
ऐसे में डॉक्टर कम उम्र के मरीजों को स्पर्म फ्रीज कराने की सलाह देते हैं ताकि भविष्य में वे पितृत्व का विकल्प चुन सकें।

राष्ट्रपति बाइडेन की हालत नियंत्रण में, लेकिन..

जो बाइडेन के लिए यह दूसरा कैंसर संबंधित मामला है, और इस बार प्रोस्टेट कैंसर की जानकारी ने उनकी राजनीतिक सक्रियता और भविष्य की भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन उम्र और तनावपूर्ण जिम्मेदारियां को देखते हुए उनकी नियमित स्वास्थ्य निगरानी बेहद ज़रूरी है।

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