पहले रोका फिर अचानक छोड़ा! चिनाब नदी में केवल 2 फुट पानी, पाकिस्तान में जल संकट और बाढ़ से बवाल..

भारत ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए 65 साल पुराने सिंधु जल समझौते को सस्पेंड कर दिया है। इससे पाकिस्तान को मिलने वाला पानी 90% तक घट गया है, जिससे पड़ोसी देश में जल संकट और बाढ़ दोनों की स्थिति पैदा हो गई है। यह कदम भारत की ओर से पाकिस्तान को कूटनीतिक और पर्यावरणीय स्तर पर दी गई सबसे बड़ी चेतावनी माना जा रहा है।

पहलगाम आतंकी हमले के बाद बदला भारत का रवैया

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की निर्मम हत्या ने पूरे देश को झकझोर दिया। भारत ने इस कायराना हरकत के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया और इस बार केवल कड़ी निंदा तक सीमित न रहते हुए ठोस कार्रवाई की शुरुआत कर दी।

चिनाब नदी में जल स्तर घटा, पत्थरों पर पैदल चल रहे लोग

चिनाब नदी, जो सामान्यतः उफनती रहती है, अब केवल डेढ़-दो फुट पानी तक सिमट गई है। पत्थरों वाली तलहटी बाहर आ गई है और लोग अब वहां से पैदल पार कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने इसे ऐतिहासिक क्षण बताया, क्योंकि उन्होंने आज तक चिनाब को इतना शांत और सूखा नहीं देखा।

बगलिहार और किशनगंगा बांध के गेट बंद

भारत ने जम्मू-कश्मीर में स्थित बगलिहार जलविद्युत परियोजना के गेट बंद कर दिए हैं, जिससे चिनाब का बहाव पाकिस्तान की ओर रुक गया है। साथ ही, झेलम नदी पर बनी किशनगंगा परियोजना से भी पानी रोके जाने की तैयारी है। यह कदम दिखाता है कि भारत अब एक भी बूंद पानी पाकिस्तान को नहीं देने के फैसले पर गंभीरता से अमल कर रहा है।

1965, 1971 और 1999 की जंग के बाद भी नहीं हुआ था ऐसा फैसला

यह पहली बार है जब भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ इतने कड़े कदम उठाए हैं। 1965, 1971 और 1999 के युद्धों के दौरान भी सिंधु जल संधि जारी रही थी, लेकिन इस बार भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद की कीमत पाकिस्तान को हर मोर्चे पर चुकानी पड़ेगी।

बिना अलर्ट के छोड़ा गया पानी, पाकिस्तान में बाढ़ जैसे हालात

अब तक भारत संधि के तहत पाकिस्तान को अलर्ट देकर पानी छोड़ता था, लेकिन संधि के निलंबन के बाद यह प्रक्रिया बंद कर दी गई है। भारत ने चिनाब नदी का पानी बिना चेतावनी के छोड़ दिया, जिससे पाकिस्तान में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। पीओके के सुरखपुर, उरी, हेडमाराला, माड़ीखोखराम, बहलोलपुर और गंगवाल में बाढ़ अलर्ट जारी किया गया है।

पाकिस्तान में मची अफरा-तफरी

भारत के इस निर्णय के बाद पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खुद स्वीकार किया है कि यदि भारत ने इसी तरह पानी रोके रखा, तो पाकिस्तान में भूख और प्यास से लोग मर सकते हैं। इससे साफ है कि भारत का यह कदम पाकिस्तान के लिए रणनीतिक स्तर पर जंग के बराबर है।

समुद्र और आसमान से भी घिरा पाकिस्तान, फ्लाइट पर लगी रोक

भारत ने न केवल जलस्तर पर नियंत्रण किया है, बल्कि एयरस्पेस में भी पाकिस्तान की घुसपैठ पर रोक लगा दी है। अब पाकिस्तानी फ्लाइट भारत के एयरस्पेस में प्रवेश नहीं कर सकती। समुद्र के रास्ते से भी निगरानी बढ़ा दी गई है और सेना को खुली छूट दे दी गई है।

भारत की जनता का समर्थन, जम्मू-कश्मीर में दिखा उत्साह

भारत सरकार के इस फैसले को जम्मू-कश्मीर में लोगों का भरपूर समर्थन मिल रहा है। लोग खुलेआम इसे सही कदम बता रहे हैं। साथ ही लोग और भी कड़े एक्शन की उम्मीद जता रहे हैं। बाढ़ से प्रभावित इलाकों में भारत की जनता अब आतंक के खिलाफ सरकार के रुख को साहसिक और निर्णायक मान रही है।

1971 बनाम 2025: क्या यह नया मोड़ होगा इतिहास में?

1971 के युद्ध के दौरान भारत ने कूटनीतिक और सैन्य रूप से पाकिस्तान को हराया था, लेकिन जल संसाधनों को हथियार नहीं बनाया गया था। वहीं, 2025 में भारत ने पहली बार पानी को कूटनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया है। यह कदम भारत की नीति में आए बदलाव और आतंकवाद के प्रति “ज़ीरो टॉलरेंस” नीति का प्रमाण है।

 

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