एक प्यार ऐसा भी: मौत के बाद भी निभाया गर्लफ्रेंड को दिया वादा, जिसने देखा वो रोया.. कहा – असंभव !

कोलकाता: आज के दौर में जहां प्रेम को अक्सर दिखावे और मतलब से जोड़ा जाता है, वहीं कोलकाता के एक युवक सागर बारिक की प्रेम कहानी ने लाखों दिलों को छू लिया है। इस कहानी में वफादारी, संवेदना और एक टूटे हुए वादे की गहराई है, जिसे निभाने के लिए सागर ने कुछ ऐसा किया जो विरले ही देखने को मिलता है। कैंसर से मौत के बाद भी सागर ने अपनी प्रेमिका मौली मंडल से शादी कर उसका सपना पूरा किया और अंतिम विदाई दुल्हन की तरह दी।
मौत के बाद भी निभाया वादा, प्रेमिका को बनाया दुल्हन
कोलकाता के हावड़ा निवासी 23 वर्षीय मौली मंडल और सागर बारिक एक-दूसरे से बेहद प्रेम करते थे। सागर ने मौली से वादा किया था कि वह उससे विवाह करेगा और जीवनभर साथ निभाएगा। लेकिन नियति को कुछ और मंज़ूर था। कैंसर की गंभीर बीमारी ने मौली को धीरे-धीरे मौत की ओर धकेल दिया। बावजूद इसके सागर ने अपना वादा नहीं तोड़ा और मौली की मौत के बाद उससे प्रतीकात्मक रूप से विवाह कर उसे लाल जोड़े में अंतिम विदाई दी।
कैंसर से जूझ रही थी मौली, नहीं बच पाई जान
साल 2023 में मौली को कैंसर का पता चला था। SSKM अस्पताल, कोलकाता में उसका इलाज चला—सर्जरी से लेकर कीमोथेरेपी तक हर मुमकिन कोशिश की गई। सागर हर कदम पर उसके साथ खड़ा रहा। लेकिन तीन महीने पहले मौली की तबीयत अचानक बिगड़ गई और उसे दोबारा अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इस बार मौली की हालत संभल नहीं सकी और 2 मई 2025 को उसने अंतिम सांस ली।
लाल चूड़ा, सिंदूर और जोड़ा—दुल्हन की तरह दी विदाई
मौत के बाद सागर ने मौली को दुल्हन की तरह सजाया। लाल जोड़ा पहनाया, हाथों में चूड़ा पहनाया और उसकी मांग में सिंदूर भरकर उसे दुल्हन का दर्जा दिया। यह दृश्य वहां मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम कर गया। दोनों परिवारों की सहमति से यह प्रतीकात्मक शादी और विदाई की रस्में निभाई गईं।
सागर का संकल्प—अब जीवनभर नहीं करेगा दूसरी शादी
सागर बारिक ने मीडिया से बातचीत में बताया कि उसने मौली की आखिरी इच्छा पूरी की है और अब वह जीवनभर किसी और से विवाह नहीं करेगा। उसने कहा, “मौली मेरी पत्नी थी, है और हमेशा रहेगी। मेरी जिंदगी का प्यार अब हमेशा के लिए एक याद बन गया है, जिसे मैं मरते दम तक निभाऊंगा।”
भावुक कर देने वाली प्रेम कहानी बन गई प्रेरणा
सागर और मौली की यह प्रेम कहानी अब सोशल मीडिया से लेकर लोगों की बातचीत का विषय बन गई है। इस संवेदनशील और सच्चे प्रेम के उदाहरण ने दिखा दिया कि प्यार केवल साथ जीने का नाम नहीं, बल्कि मरने के बाद भी साथ निभाने का वादा है। कोलकाता की इस कहानी ने एक बार फिर साबित किया है कि सच्चा प्यार समय और मृत्यु की सीमाओं को भी पार कर सकता है।