योगी सरकार के खिलाफ विद्रोह.. कलेक्ट्रेट गेट पर चढ़े सपाई, कहा – “कार्रवाई नहीं तो उग्र होगा आंदोलन”

समाजवादी पार्टी (सपा) के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन पर हाल ही में हुए हमले को लेकर उत्तर प्रदेश भर में सपा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा है। पार्टी ने आज प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें प्रशासन और योगी सरकार पर हमले के आरोपियों को संरक्षण देने और कार्रवाई में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया। सपा नेताओं ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।

आगरा में कलेक्ट्रेट का घेराव, रोड जाम कर जताया आक्रोश

आगरा में सपा कार्यकर्ताओं ने ज़िला कलेक्ट्रेट का घेराव कर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की। उन्होंने मांग की कि रामजीलाल सुमन पर हमले के आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी हो। ज्ञापन देने के बाद कार्यकर्ताओं ने रोड जाम कर दिया, जिससे ट्रैफिक बाधित हुआ। पुलिस द्वारा लगातार अनाउंसमेंट के बावजूद प्रदर्शनकारी हटने को तैयार नहीं हुए।

वाराणसी में कानून-व्यवस्था पर उठाए सवाल, कचहरी में जुटे कार्यकर्ता

वाराणसी में अंबेडकर चौराहा कचहरी पर सपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए कहा, “ये कैसा कानून है जहां एक सांसद तक सुरक्षित नहीं?” उन्होंने आरोप लगाया कि जब एक सांसद पर हमला हो सकता है, तो आम जनता की सुरक्षा की कल्पना करना मुश्किल है। प्रदर्शन के दौरान स्थानीय प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाज़ी हुई।

लखनऊ में कलेक्ट्रेट गेट पर चढ़े कार्यकर्ता, सरकार पर हमला

राजधानी लखनऊ में सपा कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट गेट पर चढ़ गए और योगी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। “अब हम नहीं सहेंगे,” यह नारा आज पूरे प्रदर्शन का मुख्य स्वर बन गया।

मेरठ में सख्त लहजा, ‘हमलावरों की गिरफ्तारी नहीं तो आंदोलन तेज़ होगा’

मेरठ में सपा नेताओं ने सख्त लहजे में कहा कि सांसद पर हमला सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि लोकतंत्र की अवहेलना है। उन्होंने कहा कि हमलावरों की गिरफ्तारी हर हाल में होनी चाहिए। यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो सड़कों पर उतरकर आंदोलन को तेज़ किया जाएगा।

क्या है पूरा मामला: अलीगढ़ में दो बार हुआ हमला, पुलिस मूकदर्शक?

27 अप्रैल को सपा सांसद रामजीलाल सुमन आगरा से बुलंदशहर जाते समय 20 गाड़ियों के काफिले के साथ थे। जैसे ही काफिला अलीगढ़ के खेरेश्वर चौराहे के पास पहुंचा, क्षत्रिय समाज के कुछ युवकों ने उन्हें घेर लिया और नारेबाजी की। इस बीच काफिले की गाड़ियां तेज़ी से निकलने लगीं और आगे जाकर आपस में टकरा गईं।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति संभाली, लेकिन कुछ ही देर बाद गभाना टोल प्लाज़ा से 150 मीटर पहले फिर से युवकों ने काफिले पर टायर, पत्थर और काली स्याही फेंकी। इस हमले के बाद काफिला 20 मिनट तक रुका रहा। बाद में सांसद को बुलंदशहर में प्रवेश की अनुमति तक नहीं दी गई। यह घटना न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि पुलिस हमलावरों पर लगाम लगाने में नाकाम रही।

सरकार की चुप्पी और पुलिस की निष्क्रियता पर विपक्ष का हमला

सपा नेताओं का आरोप है कि हमले के कई दिन बीत जाने के बाद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। हमलावर खुले घूम रहे हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। इस पूरे घटनाक्रम ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

सपा की चेतावनी: कार्रवाई नहीं तो होगा राज्यव्यापी जनआंदोलन

सपा कार्यकर्ताओं ने साफ किया कि अगर सरकार ने आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की, तो प्रदेशभर में आंदोलन और तेज़ होगा। पार्टी का कहना है कि लोकतंत्र में असहमति का दमन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जनप्रतिनिधियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है।

यह मामला अब सियासी तूल पकड़ चुका है और सपा इसे आम जनमानस से जोड़कर एक बड़े राजनीतिक आंदोलन में बदलने की तैयारी में है। ऐसे में योगी सरकार पर कार्रवाई का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।

 

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