हाईकोर्ट में ताजमहल के बंद 22 कमरों पर सुनवाई आज, क्या खुलेंगे कमरें
आज अपराह्न सवा दो बजे फ़िर मामले की सुनवाई है, ताजमहल वास्तव में तेजोमहालय है या नही

लखनऊ: ताजमहल के बंद 22 कमरों को खोलने की गुजारिश वाली याचिका पर हाईकोर्ट में गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति देवेन्द्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने आज अपराह्न सवा दो बजे फ़िर मामले की सुनवाई है। याचिका अयोध्या के डॉ. रजनीश सिंह ने दायर की है।
ताजमहल वास्तव में तेजोमहालय है या नही
याचिका में इतिहासकार पीएन ओक की किताब ताजमहल का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि ताजमहल वास्तव में तेजोमहालय है, जिसका निर्माण 1212 एडी में राजा परमार्दी देव ने कराया था। याचिका में यह भी दावा है कि माना जाता है कि ताजमहल के बंद दरवाजों के भीतर भगवान शिव का मंदिर है।
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22 दरवाजों को खोलने के निर्देश जारी करने का आग्रह
याचिका में अयोध्या के जगतगुरु परमहंस के वहां जाने और उन्हें भगवा वस्त्रों के कारण रोके जाने संबंधी हालिया विवाद का भी जिक्र किया गया है। याची ने ताजमहल के संबंध में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (तथ्यों का पता लगाने वाली समिति) बनाकर अध्ययन करने और ताजमहल के बंद करीब 22 दरवाजों को खोलने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया है। जिससे सत्यता सामने आ सके।