दक्षिण अफ्रीका में हिंसा के दौरान 45 लोगों की मौत

नई दिल्ली  दक्षिण अफ्रीका में पिछले हफ्ते पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुई हिंसा में कम से कम 45 लोगों की मौत हो गई है। देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन और मारकाट की घटनाएं जारी हैं। वहां की सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सेना की मदद ली है। सुरक्षाकर्मियों ने अब तक लगभग 800 लोगों को गिरफ्तार किया है।

हिंसा की एक बड़ी घटना दक्षिण अफ्रीका की सबसे बड़ी टाउनशिप, सोवेटो में एक शॉपिंग मॉल में हुई। वहां लूटपाट के दौरान भगदड़ मचने से 10 लोगों की मौत हो गई। शॉपिंग मॉल को आग के हवाले कर दिया गया और दुकानों में तोड़-फोड़ की गयी।

हिंसा की अन्य घटनाओं में क्वाजुलु-नटाल प्रांत में 26 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, गौतेंग प्रांत में 19 लोगों की मौत हुई, जिनमें शॉपिंग मॉल में मारे गए 10 लोग भी शामिल हैं। हिंसा का यह हाल है कि खुद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने इन विरोध प्रदर्शनों को 1990 के बाद से देश में सबसे हिंसक घटनाओं में से एक माना है। देश में पुलिस विभाग के मंत्री भेकि सेले मानते हैं कि लूटपाट इसी तरह जारी रहने से हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में खाने-पीने के सामान की कमी हो सकती है। क्वाजुलु-नटाल में तो प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस पर भी हमला बोला है।

दक्षिण अफ्रीका के विभिन्न हिस्सों में हिंसा के दौरान दुकानों को लूटने, एटीएम तोड़ने और रेस्त्रां, शराब की दुकानें और कपड़ों की दुकानों को तहस-नहस करने की घटनाएं खूब हो रही हैं। पुलिस ने हिंसा में शामिल कुछ उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है लेकिन सुरक्षाकर्मियों की संख्या कम होने से स्थिति नियंत्रण में नहीं हो पा रही है।

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