एक ही परिवार के 4 सदस्यों ने की आत्महत्या

छत्तसीगढ़– रामपुर के जशपुर जनपद से आंखो को रुला देने वाली तस्वीर सामने आई है। जहां एक परिवार ने पेड़ पर रस्सी से फांसी का फंदा लगाकर सामूहिक सुसाइड कर लिया। गांववाले बाहर निकले तो पति-पत्नी और दो बच्चों की लाशें फंदे से लटकी हुई थीं। इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने सूचना देकर पुलिस को मौके पर बुलाया है। मृतक परिवार पहाड़ी कोरवा परिवार की जाति से आता है। यह वही जनजाति है जिन्हें राष्ट्रपति ने गोद लिया है। इस जाति के परिवार अक्सर जंगल में ही झोपड़ी बनाकर निवास करते हैं। यह जनजाति जीवनयापन के लिए पूरी तरह से जंगल पर निर्भर है। जंगल ही इनकी संस्कृति मानी जाती है। वैसे तो छत्तीसगढ़ में कुल 42 जनजातियां पाई जाती हैं, लेकिन राज्य सरकार ने 7 को विशेष जनजाति का दर्जा दिया हुआ है। जिस परिवार ने सामूहिक सुसाइड किया है वह जनजाति भी इन्हीं में से एक मानी जाती है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश में यह पहली घटना नहीं है, ऐसी तमाम आत्म हत्याएं हो चुकी हैं। आदिवासियों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 जैसे कानून होने के बावजूद उन पर अत्याचार की घटनाएं निरंतर हो रही हैं। भूमि अधिग्रहण, अवैध खनन और वन कटाव आदि के कारण आदिवासी अपने परिवेश से विमुख होते जा रहे हैं। इनकी सुरक्षा और विकास के प्रति सरकार को गंभीरता से सोचने की दरकार है।

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