जाने हिमाचल के मंडी शहर से इनको क्यों चुना पद्मा अवार्ड के लिए

कौन हैं नेक राम शर्मा , क्यों मिलेगा पद्मा अवार्ड

 

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार की ओर से पद्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है। जिसमें हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के करसोग निवासी नेकराम शर्मा को प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में पद्मश्री सम्मान से नवाजा जाएगा। एक मई 1964 को जन्मे नेकराम शर्मा की प्राथमिक शिक्षा नांज से,आगे मिडल और हाई स्कूल बड़ागांव शिमला और छतरी सराज से हुई है।

 

 

कौन हैं नेक राम शर्मा , क्यों मिलेगा पद्मा अवार्ड
नेक राम शर्मा ने बताया कि उन्हें जैव विविधता संरक्षण अभियान से पारंपरिक पुराने अन्न संरक्षण की प्रेरणा मिली। उन्होंने करीब एक हजार से ज्यादा किसानों को प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक किया। लुप्त हो चुके हिमाचल के नौ अनाजों को पुनर्जीवित किया। नेक राम शर्मा ने साक्षरता से पद्मा श्री तक का लंबा और संघर्ष पूर्ण सफर तय किया है।नेक राम ने वर्ष1992 के बाद में साक्षरता अभियान में सक्रिय योगदान दिया।

युवा सेवाएं खेल विभाग की दस-दस दिवसीय पद यात्राओं के माध्यम से युवाओं,महिला मंडलों को शिक्षा,स्वास्थ्य,पर्यावरण,राष्ट्रीय एकता,ग्रामीण विकास जैसे मुद्दों पर जागरूक करने का प्रयास किया।

नेक राम ने बताया कि नौ अनाज एक प्राकृतिक अन्तर फसल विधि है।जिसमें नौ अनाज बिना रासायनिक उपयोग के जमीन के एक टुकड़े पर उगाये जा सकते हैं। इसमें पानी के उपयोग में पचास प्रतिशत कमी लाई जा सकती है और जमीन भी उर्वर होती है। पद्मा श्री मिलने पर नेक राम ने कहा कि अब उनकी जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है । वास्तव में यह सम्मान उनका अकेले का नहीं है, बल्कि उन सब लोगों का है जिनके सहयोग और मार्गदर्शन में कार्य करते हुए इस मुकाम तक पहुंचे हैं।

 

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