संगम समेत 15 स्नान घाटों पर शनिवार और रविवार को लगेगी पुण्य की डुबकी

माघ मेले में दूसरे प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति की तैयारियां पूरी

प्रयागराज। गोस्वामी तुलसीदास लिखते हैं,‘‘माघ मकरगत रबि जब होई। तीरथपतिहिं आव सब कोई। देव दनुज किंनर नर श्रेनीं। सादर मज्जहिं सकल त्रिबेनी।।’’ यानि माघ महीने में जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब देवता, दैत्य, किन्नर और नर सभी तीर्थराज प्रयाग आकर गंगा, यमुना और अंतःसलिला सरस्वती के पवित्र त्रिवेणी संगम में पूण्य की डुबकी लगाते हैं। यह शुभ मुहूर्त मकर संक्रांति का है, जो इस वर्ष दो दिन यानी 14 और 15 जनवरी को मनाया जायेगा।

तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर मास पर्यंत चलने वाला माघ मेला इस साल छह जनवरी को ही पौष पूर्णिमा के प्रथम स्नान के साथ प्रारम्भ हो चुका है। अब 14 और 15 जनवरी को मेले का दूसरा प्रमुख स्नान पर्व मकर संक्रांति है। मेला प्रशासन का दावा है कि दूसरे स्नान पर्व की सारी तैयारियां पूर्ण हैं।

14 जनवरी की रात लगेगी संक्रांति, सूर्य होंगे उत्तरायण

ज्योतिषविद् डा0 ओमप्रकाशाचार्य के अनुसार इस वर्ष सूर्य देव 14 जनवरी की रात 8.21 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसी के साथ सूर्य उत्तरायण हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि पर्व उदया तिथि में मनाए जाते हैं, इसलिए मकर संक्रांति का स्नान और दान रविवार को होगा। संक्रांति का पुण्यकाल भी रविवार को सुबह 7.15 बजे से शाम 5.46 बजे तक रहेगा। लेकिन, माघ मेला प्रशासन ने तैयारियां दोनों दिन को लेकर की है, क्योंकि अधिकतर श्रद्धालु शनिवार से ही मकर संक्रांति की डुबकी लगाने लगेंगे।

डा0 ओमप्रकाशाचार्य का कहना है कि इस बार खिचड़ी का त्योहार रविवार को ही फलदायी है। इस अवसर पर श्रद्धालु पवित्र नदी में स्नान कर चावल, तिल, गुड़ और उड़द का दान करते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार सूर्य चूंकि शनिवार को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए इस संक्रांति पर शनि की ढैया से उबरने का भी अहम संयोग है।

मकर संक्रांति पर 15 लाख से अधिक की भीड़ का अनुमान

पौष पूर्णिमा के स्नान के बाद से ही मेला प्रशासन ने मकर संक्रांति के स्नान पर्व को लेकर तैयारियां शुरु कर दी थी। प्रथम प्रमुख स्नान पर्व पर करीब 5.10 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई थी। प्रशासन ने मकर संक्रांति पर 15 लाख से अधिक की भीड़ का अनुमान किया है। इस बार स्नान घाटों की संख्या संगम समेत 14 से बढ़ाकर 15 कर दिया गया है। स्नान घाटों पर एक साथ अधिक भीड़ न जमा हो इसके लिए सरकुलेटिंग एरिया का दायरा भी सभी घाटों पर बढ़ाया गया है। इन घाटों पर चेंजिंग रूम और साफ-सफाई की भी व्यवस्था बढ़ाई गई है। जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री और मेलाधिकारी अरविन्द सिंह चौहान दो दिन से लगातार घाटों का निरीक्षण भी कर रहे हैं। मकर संक्रांति की अनुमानित भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने शहर के प्रमुख रेलवे स्टेशन एवं बस अड्डों पर भीड़ प्रबंधन हेतु होल्डिंग एरिया भी विकसित किया है। यदि मेला क्षेत्र में भीड़ बढ़ जाती है तो इन स्थलों पर लोगों को कुछ समय के लिए होल्ड किया जायेगा।

कोविड प्रोटोकॉल के पालन का भी निर्देश

दो साल बाद इस बार का माघ मेला कोरोना की बंदिशों से मुक्त हो रहा है, फिर भी केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड प्रोटोकॉल के निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन कराने की हिदायत दी गई है। मेले के सभी 17 प्रवेश द्वारों और स्नान घाटों पर कोविड हेल्प डेस्क स्थापित कर दी गई है। एडीजी भानु भास्कर, मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत, पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा और मेलाधिकारी अरविन्द सिंह चौहान ने इस संबंध में संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी को हर परिस्थिति से निबटने के लिए मेडिकल रिस्पांस टीम तैयार रखने व एंबुलेंस की संख्या बढ़ाने के साथ ही उन्हें स्ट्रैटेजिक लोकेशन पर खड़े करने के निर्देश दिए गए हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मकर संक्रांति के स्नान पर्व पर मेले की सुरक्षा को लेकर विशेष प्रबंध किये गये हैं। मेला के पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र बताते हैं कि पूरे मेला क्षेत्र में करीब पांच हजार पुलिस फोर्स तैनात की गई है। माघ मेले में 14 थाने, 38 पुलिस चौकियां और 15 फायर स्टेशन बनाए गए हैं। संगम क्षेत्र में एटीएस और एसटीएफ के कमांडो तैनात हैं। ड्रोन कैमरे से भी पूरे मेला क्षेत्र की निगरानी की जा रही है। इसके साथ ही मेले में जगह-जगह सिविल ड्रेस में भी पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। आतंकवादी गतिविधियों के मद्देनजर मेला क्षेत्र के मुख्य स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। पुलिस बल के अलावा मेला क्षेत्र में पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की भी कई कंपनियां लगाई गयी हैं। मेला क्षेत्र में दो दिन तक वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। मकर संक्रांति पर्व के मद्देनजर शहर में भी भारी वाहनों की इंट्री गुरुवार से ही प्रतिबंधित है, जो 16 जनवरी की रात 12 बजे तक जारी रहेगी।

स्नान घाटों पर भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं। स्नान के लिए श्रद्धालु गहरे जल में न जायें इसके लिए डीप वाटर बैरिकेडिंग की गई है। जल पुलिस के गोताखोर भी तैनात किये गये हैं। साथ ही 50 मोटर बोट और 100 नावों से भी घाटों की निगरानी होगी।

इस बार माघ मेला लगभग 700 हेक्टेयर में बसाया गया है। पूरा मेला क्षेत्र छह सेक्टर में बंटा है। हर सेक्टर में एक सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ एक डिप्टी एसपी की भी तैनाती की गई है। पूरे मेला क्षेत्र में 10 सुविधा केंद्र बनाए गए हैं। ठंड से बचाव के लिये जगह-जगह अलाव की भी व्यवस्था है। माघ मेला क्षेत्र में 500 बेड की डॉरमेट्री भी बनाई गई है ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को ठंड में कोई परेशानी न हो। पूरे मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के भोजन के लिए साधु-संतों द्वारा जगह-जगह भंडारे भी संचालित हैं।

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