उत्तर प्रदेश के 1009 बच्‍चों को स्‍पान्‍सरशिप योजना का मिला लाभ, मिशन शक्ति को भी मिला बढ़ावा

यूपी में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रहे लोगों के बच्‍चों के सम्‍मान, स्‍वावलंबन और सुरक्षा देने के लिए शुरू की गई स्‍पान्‍सरशिप योजना से यूपी के हजारों बच्‍चों को सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना के तहत गरीब तबकों के एकल, दिव्‍यांग अभिभावकों और अनाथ बेसहारा बच्‍चों को प्रतिमाह दो हजार रुपए देने का प्रावधान है। जिला स्‍तर पर जिला प्रोबेशन अधिकारी डीपीओ, डीसीपीयू और बाल कल्‍याण समिति ग्राम पंचायत, ब्‍लॉक स्‍तर से आने वाले आवेदनों को स्‍वीकृत कर छह माह के भीतर बच्‍चों तक राशि पहुंचा रही है। इस योजना के तहत प्रदेश के अलग अलग जनपदों में 1009 बच्‍चों को इस योजना से लाभ दिलाया जा चुका है।

31 चौराहों को लिया गया गोद

स्‍पान्‍सरशिप योजना को मिशन शक्ति से जोड़ते हुए डीपीओ सुधाकर शरण पांडे ने नई कार्ययोजना को तैयार किया है। उन्‍होंने बताया कि योगी सरकार के मिशन शक्ति अभियान व स्‍पान्‍सरशिप योजना को बढ़ावा देने के लिए हम लोगों द्वारा सरकारी व गैर सरकारी संस्‍थाओं को शहर के चौराहों, ब्‍लॉक को गोद लेने के लिए प्रोत्‍साहित किया गया है। जिसके तहत चाइल्‍डलाइन, बाल कल्‍याण समिति समेत 50 एनजीओ ने राजधानी के 31 चौराहों को गोद लिया है। गोद लेने की प्रक्रिया के शुरू होने से संस्‍थाओं द्वारा चिन्हित बच्‍चों को योजना का लाभ सीधे तौर पर मिलेगा।

500 परिवारों को लाभ दिलवाना है मिशन

डीपीओ डॉ सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि मिशन शक्ति के तहत इस योजना का लाभ ज्‍यादा से ज्‍यादा गरीब बेटियों को मिल सके ये हमारा लक्ष्‍य है। रेहड़ी, पटरी वालों और भीक्षायापन कर अपना गुजर बसर कर रहे 500 जरूरतमंद परिवारों के बच्‍चों को चिन्हित कर बालक बालिकाओं को स्‍पान्‍सरशिप योजना से 2000 रुपए की सहायता दिलाए जाने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।

योजना से बच रहा बचपन

इस योजना का लाभ 18 साल की उम्र तक के बच्‍चों को मिलेगा। इस योजना से एक ओर प्रदेश में बाल मजदूरी, बाल अपराधों के मामलों में गिरावट आ रही है वहीं दूसरी ओर दूसरे राज्‍यों में रोजगार के लिए पलायन करने वाले परिवारों की संख्‍यां में भी गिरावट आएगी।

‘मिशन शक्ति के प्रथम चरण और स्‍पान्‍सरशिप योजना को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में तेजी से कार्य किया जा रहा है। स्‍पान्‍सरशिप योजना से मिशन शक्ति को एक ओर बढ़ावा मिलेगा वहीं ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के गरीब परिवारों के बेटियों को आर्थिक मदद मिलने से वो सुरक्षा, स्‍वावलंबन और सम्‍मान के साथ जीवनयापन कर सकेंगी’।

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