अमीरो के लिए बेशक तमाशा है ये जलजला….

अमीरो के लिए बेशक तमाशा है ये जलजला….
गरीबो क सर पर तो आसमान टूटा है….

कभी नीले आसमान को चूमती, देश की हाईप्रोफाइल हस्तियों की पहली पसंद और देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाईन की किस्मत पर बुधवार की रात आखिरी उड़ान के साथ अस्थायी रूप से ताले जड़ दिये गये। फंड पाने को मुहताज इस कंपनी की सभी घरेलू और इटरनेशनल उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। दम तोड़ती इस कंपनी को बैंक कर्ज़दाताओं ने कर्ज देने से मना कर दिया है। रोजाना 21 करोड़ का खर्च ना उठा पाने की ताकत होने के कारण इस कंपनी को आखिरकार यह फैसला लेना पड़ा। इस ख़बर ने देश को, खास तौर पर वो जो भारत के एविएशन इंडस्ट्री से किसी ना किसी रूप में जुड़े हैं, को झकझोर कर रख दिया है। 15,000 करोड़ से अधिक का कर्ज़ उठाए इस कंपनी की 16,000 से अधिक कर्मचारियों पर सबसे अधिक पड़ी है। उनके परिवार की ज़िंदगियां दाव पर लगी हैं। ज़िंदगी बेतरतीब और आंसूओं का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोई घर बेचने को मजबूर है तो किसी को बच्चे की स्कूल फीस की चिंता है।

2012 में विजय माल्या की किंगफिशर और अब नरेश गोयल की जेट एयरवेज के अस्थायी बंदी से पायलटों, ग्राउंड स्टाफ और एविएशन इंडस्ट्री के इंजीनियरों को अनजाना खतरा हर वक्त सताने लगा है। आखिर कहां हो जाती है चूक, कि वर्लड क्लास एयरलाइंन होने का दम भरने वाली कंपनिया इतनी बुरी तरह पिट जाती हैं।

आइये जानें……
26 वर्ष पहले 5 मई 1993 को जेट के बोइंग 737 विमान ने मुंबई से अहमदाबाद के लिए पहली उड़ान भरी थी। 14 जनवरी 1955 को इस एयरलाइन को ऑपरेटर परमिट मिला था।

माना जाता है कि जेट एयरवेज की सबसे बड़ी भूल थी एयर सहारा खरीदना- एक टैक्सी सर्विस ऑपरेटर के तौर पर कारोबार की शुरूआत करने वाली जेट एयरवेज को 20 फीसदी इक्विटी का योगदान कुवैत एयरवेज और गल्फ एयर से मिला था जो बाद में बाहर हो गये। 2004 में चेन्नई-कोलंबो रूट बढ़ने से जेट एयरवेज की चांदी हो गयी। 2005 में कंपनी अपना आईपीओ लेकर आयी और फिर 2007 में एयर सहारा को 1,450 करोड़ रूपये में खरीदा। आंकलन के मुताबिक जेट एयरवेज को इसी डील के बाद से पैसों की दिक्कत आने लगी थी लेकिन कंपनी से इस पर ध्यान नहीं दिया।

दूसरी गलती बेधड़क A 330 और बोईंग 777 प्लेन को खरीदना था। 400 सीट वाली एयरक्राफट की जगह 308 सीट वाली प्लेन खरीदना नरेश गोयल को और मंहगा पड़ा। कस्टमर को बेहतर सुविधा देने की चाहत में कंपनी की माली हालत को नजरअंदाज़ किया गया।

फिलहाल जेट एयरवेज एक कई बैंकों के कर्ज के बोझ तले दबी है जैसे कि ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया केनरा बैंक, एसबीआई, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सिंडिकेट बैंकों समेत कई विदेशी बैंक भी है….

फिलहाल जेट एयरवेज एक कई बैंकों के कर्ज के बोझ तले दबी है जैसे कि ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया केनरा बैंक, एसबीआई, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, सिंडिकेट बैंकों समेत कई विदेशी बैंक भी हैं।

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