कोरोना की तीसरी लहर में मासूमों को बचाने के लिए योगी सरकार ने कसी कमर

लखनऊ. विशेषज्ञ कोरोना की संभावित तीसरी लहर (Corona Third Wave) के प्रति बच्चों को अधिक संवेदनशील बता रहे हैं. इन आशंकाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की अगुआई में बच्चों को ऐसी किसी संभावित लहर से बचाने के लिए पहले से ही युद्ध स्तर पर तैयारियां जारी हैं. इन तैयारियों की तारीफ मुंबई हाइकोर्ट भी कर चुका है. दर असल इसमें योगी ने 1998 से लेकर मार्च 2017 में मुख्यमंत्री बनने के पहले तक पूर्वांचल के मासूमों के लिए कॉल बनी इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण के लिए सड़क से लेकर संसद तक जो संघर्ष किया और सीएम बनने के बाद जिस तरह पीएचसी (प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र) और सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) तक इंसेफेलाइटिस को केंद्र में रखकर स्वास्थ्य सुविधाओं की बुनियादी संरचना को मजबूत किया, तीन दर्जन से अधिक संवेदनशील जिलों में रोकथाम को लेकर सफाई और स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया उससे इंसेफेलाइटिस तकरीबन खत्म होने के कगार पर है. इंसेफेलाइटिस उन्मूलन के ये अनुभव कोराना से बच्चों को बचाने में मददगार बनेंगे. खासकर ग्रासरूट पर इंसीफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए जो पीकू (पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट)तैयार किए गए थे जरूरत पर उसका उपयोग कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को महफूज रखने में किया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 100/ 100 बेड का आईसीयू तैयार रखने का निर्देश दिया है.

इंसीफेलाइटिस से बच्चों को बचाने के लिए जो पीकू (पीडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट)तैयार किए गए थे जरूरत पर उसका उपयोग कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को महफूज रखने में किया जाएगा

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