आजमगढ़…CM योगी बोले आर्यमगढ़ के नाम से जाना जाएगा जिला

विकास का बैक-बोन बनेगा जिला, 2 CM देने के बाद भी था पहचान का संकट, सपा पर साधा जमकर निशाना

आजमगढ़ में विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने पहुंचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्वांचल विकास का बैक बोन बनेगा।

आजमगढ़ जिले के यशपालपुर आजमबांध में विश्वविद्यालय की आधारशिला रखने पहुंचे केन्द्रीय गृहमंत्री अमित व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिलान्यास किया। आजमगढ़ जिले की जनता को सम्बोधित करते हुए CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमने चुनाव से पूर्व जनता से जो भी वादे किए थे, सभी पूरा कर दिखाया। दुनिया के अंदर भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है। जिले की जनता ने भले ही प्रदेश को दो CM दिए हों पर 2014 से पहले पहचान का संकट था। यही कारण है कि यहां के रहने वाले लोगों को बाहर होटल व धर्मशाला में कमरे नहीं मिलते थे। 2017 में जब सरकार का गठन हुआ तो पूर्वांचल के विकास पर काम हुआ। पूर्वांचल विकास का बैक बोन बनेगा। विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ जिले को आर्यमगढ़ बनाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने साढ़े सात लाख युवाओं को नौकरियां दी।

विश्वविद्यालय की स्थापना के साथ बदलेगा नाम
CM योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकार पर जातिवाद, परिवारवाद का आरोप लगाते हुए कहा कि आजमगढ़ जिले में उन सरकारों में आतंक के जिले के रूप में जाना जाता था। इस विश्वविद्यालय के बनने के बाद जहां आर्यमगढ़ की कल्पना की जा रही है, वह रूप विश्वविद्यालय बनने के बाद होगा। CM ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जिले को कई सौगात दी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के साथ एयरपोर्ट का तोहफा दिया है। एयरपोर्ट का 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुकी है।

नौकरी निकलते ही वसूली के लिए होता था महाभारत
CM योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रदेश के साढ़े सात लाख युवाओं को नौकरी देने का काम किया। यह सभी नौकरी पारदर्शी तरीके से मिली। पूर्व की सरकार में जब नौकरी निकलती थी तो महाभारत के सभी रिश्ते, चाचा, भतीजे, मामा, भांजा, रिश्तेदार वसूली के लिए निकल पड़ते थे। कोरोना संकट के समय यहां के सांसद अखिलेश यादव एक बार भी नहीं आए। चुनाव आ रहा है आएंगे और गुमराह कर चले जाऐंगे।

हैसियत में नहीं है कोई गुण्डा
CM योगी आदित्यनाथ ने 2007 में अपने ऊपर हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे ऊपर हमला हुआ था। और यहां अजीत राय की हत्या हुई थी। मामले में मुकदमा एक माह बाद दर्ज हुआ था। आज प्रदेश में किसी गुण्डे की हैसियत नही है, जो ऐसा कर सकें। नहीं तो उन्हें पता है कि दुर्योधन व दुस्सासन का क्या हश्र हुआ था।

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