इलाज न मिलने से महिला की मौत, आयोग ने मांगा जवाब

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने राजधानी के हमीदिया अस्पताल में एक महिला की मौत पर संज्ञान लिया है। महिला के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल का स्टाफ छुट्टी कराने के लिए दबाव बना रहा था। इसलिए महिला का इलाज नहीं किया गया। मामले में आयोग ने हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

आयोग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सागर निवासी मृतका आशा रानी शर्मा के बेटे सोनू का कहना है कि उसकी मां को सिर में चोट लगने के बाद 19 अक्टूबर को हमीदिया में भर्ती कराया गया था। पांच दिन इलाज करने के बाद डॉ. ए.के.चौरसिया ने मां को घर ले जाने को कहा, जबकि मां उस समय बेहोश थी। परिवार ने उनके हाथ-पैर जोड़े, तो वे छुट्टी न करने के लिए तो तैयार हो गए, लेकिन इसके बाद कोई डॉक्टर महिला को देखने तक नहीं आया। जिसके चलते महिला की मौत हो गई।

बाल सुधार केंद्र में किशोर की मौत
दो महीने पहले टीकमगढ़ बाल सुधार गृह में लाए गए बालक की बीते मंगलवार को मौत हो गई। मृत बालक सुमित विश्वकर्मा खरगापुर का निवासी है और मंगलवार रात को उसने अपने कमरे में फांसी लगा ली। मृत बच्चे के परिजनों का कहना है कि दो माह पहले उनके बेटे को छतरपुर से टीकमगढ़ बाल सुधार गृह लाया गया था। उससे हमेशा बात होती थी, लेकिन अब बताया जा रहा है कि बेटे ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में आयोग ने उप संचालक सामाजिक न्याय से दो माह में प्रतिवेदन मांगा है।

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