क्या जेल से सरकार चला पाएंगे केजरीवाल? क्या कहता है कानून

पहले मुख्यमंत्री जो पद पर रहते गए हैं जेल

कल शाम गुरूवार को जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को कुछ घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया, तो दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा, “केजरीवाल अब जेल से ही सरकार चलाएंगे। वह मुख्यमंत्री थे, है और रहेंगे।” पर क्या कानून तौर पर ऐसा मुमकिन है?

अरविंद केजरीवाल पहले ऐसे मुख्यमंत्री है, जो पद पर रहते हुए गिरफ्तार हुए हैं। इससे पहले जितने भी मुख्यमंत्री रहे हैं, उन्होंने गिरफ्तारी से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में अरविंद केजरीवाल के लिए कानून क्या कहता है, जानते हैं आगे –

क्या कहता है कानून?

हालांकि जेल से सरकार चलाने पर कानून में कोई रोक नहीं है, लेकिन जेल से सरकार चलाना काफी मुश्किल काम है क्योंकि जेल जाते ही कैदी के सभी विशेष अधिकार खत्म हो जाते हैं और उसे जेल के नियमों के अनुसार चलना पड़ता है। अपने रिश्तेदारों या वकील से बात करने का भी समय तय होता है, ऐसे में जेल से सरकार के कामों पर निगरानी रखना या कोई फैसला लेना केजरीवाल के लिए चुनौतीभरा रहेगा।  हालांकि केजरीवाल के पास कोई विभाग नहीं है, लेकिन केबिनेट की मीटिंग कैसे लेंगे, यह फैसला करना काफी कठिन हो जाएगा।

कानून के जानकार कहते है कि केजरीवाल मुख्यमंत्री तो रह सकते हैं, लेकिन नैतिकता के आधार पर उन्हें फैसला लेना चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले मनीष सिसोदिया और सतेंद्र जैन काफी समय तक मंत्री पद पर बने रहे थे, हालांकि इस बीच उनके कामकाज अन्य मंत्री संभाल रहे थे।

कुल मिलाकर अगर केजरीवाल जेल में रहते हुए दिल्ली की सत्ता संभालते है, तो कामकाज में बाधा जरूर आएगी।

इसी दौरान कहा जा रहा है कि केजरीवाल का परिवार राहुल गांधी से भी मिलेगी।

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