क्या गोरखपुर से हार जाएंगे सीएम योगी, देखें न्यूजनशा की रिपोर्ट

सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर से अखिलेश यादव ने खेला दांव, इन्हें दिया टिकट

लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव में महज कुछ दिन और बचे हुए हैं. ऐसे में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पार्टियां सपा, भाजपा के बीच चुनावी मैदान में जोरों की टक्कर देखने को मिल रही हैं. फिर से यूपी में सत्ता पाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ अपने संसदीय क्षेत्र गोरखपुर से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हालांकि उनका ये फैसला होने वाले चुनाव में उल्टा भी पड़ सकता है. क्योंकि एक तरफ भीम आर्मी के चीफ चन्द्रशेखर आजाद ने गोरखपुर से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है जबकि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा के खिलाफ बड़ा दांव खेलते हुए ब्राह्मण नेता उपेन्द्र शुक्ला की पत्नी शोभावती शुक्ला को टिकट देकर सभी को चौंका दिया है.

बीजेपी ने मुलायम सिंह की बहू को पार्टी में किया शामिल

भाजपा ने सपा सुपीमो अखिलेश यादव पर हमलावर होते हुए मुलायम सिंह की छोटी बहू अपर्णा यादव को पार्टी में शामिल कर लिया है. वहीं अखिलेश यादव ने अपना अगला दांव खेलते हुए नहले पर दहला जड़ दिया है. क्योंकि अपर्णा यादव लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ने की जदोजद में हैं. वहीं गोरखपुर की राजनीति में उपेन्द्र शुक्ला का नाम हर कोई जनता है. कभी वह योगी के भरोसमंद लोगों में से एक थे.

योगी के करीबी माने जाते थे उपेन्द्र शुक्ला

साल 2017 के चुनाव में उपेन्द्र शुक्ल को भाजपा ने उम्मीदवार भी बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. वहीं जब योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरखपुर सदर सीट खाली हुई थी तब उन्होंने पार्टी को मना कर दिया था. उन्होंने भाजपा से टिकट दिलवाई थी हालांकि उसमे भी वह सपा से हार गए थे.  जिसके बाद उपेन्द्र शुक्ला राजनीति से दूर होते चले गए. जिसके बाद 2019 के चुनाव बीजेपी ने भोजपुरी एक्टर रविकिशन को चुनावी मैदान में उतारा. जिसके बाद उपेन्द्र शुक्ला भाजपा से नाराज हो गए थे. लेकिन बाद सीएम योगी उन्हें मनाने के लिए उनके घर भी पहुंचे थे. क्योंकि ये सीट उनके नाक का सवाल बन गई थी.

जानकारी के मुताबिक 2020 में ब्रेन हैंमब्रेज होने की वजह से उपेन्द्र शुक्ला का निधन हो गया. जिसके बाद 2022 में होने वाले चुनाव में उपेंद्र शुक्ल की धर्मपत्नी ने सपा का दामन थाम लिया. वह इस बार सपा के टिकट पर गोरखपुर विधानसभा सीट से भाजपा के खिलाफ ताल ठोकने को तैयार है. अब देखना है यह कि सीएम योगी के लिए गोरखपुर से जीत हासिल करना कितना आसान और मुश्किल हो सकता है.

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