क्या पूरा होगा अखिलेश का UP में सपना या फिर आएगा योगी राज, जानें सर्वे

नोएडा. उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों पर 2022 को चुनाव होने हैं. इसके मद्देनजर सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर जनसंपर्क में जुट चुकी हैं. सबकी अपनी रणनीतियां और अपने दावे हैं. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों का दौर शुरू हो चुका है. सियासी दलों की इस रस्साकशी के बीच आज शुक्रवार को एबीपी-सी वोटर एजेंसी ने चुनाव से पहले यूपी की जनता का मूड जानने की कोशिश की गई. चुनाव पूर्व किए गए इस सर्वेक्षण से उत्तर प्रदेश की राजनीति में उबाल शुरू हो चुका है.

एबीपी-सी वोटर के सर्वे के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को 2022 के विधानसभा चुनाव में 259 से 267 सीटें मिल सकती हैं, जबकि समाजवाद पार्टी के पक्ष में 109-117 सीटें जाती हुई दिख रही हैं. सर्वे की रिपोर्ट कहती है कि बीएसपी को 12 से 16 सीटें 2022 के चुनाव में मिल सकती हैं जबकि कांग्रेस को 3 से 7 सीटें और अन्य के खाते में 6 से 10 सीटें जा सकती हैं. एबीपी न्यूज सी वोटर सर्वे में के आंकड़ों के मुताबिक, बीजेपी गठबंधन को 42 फीसदी, समाजवादी पार्टी गठबंधन को 30 फीसदी, बहुजन समाज पार्टी को 16 फीसदी, कांग्रेस को 5 फीसदी और अन्य को 7 फीसदी वोट शेयर हासिल हो सकते हैं.

उत्तर प्रदेश में किस मुद्दे पर जनता वोट करेगी – इसके जवाब में एबीपी न्यूज और सी वोटर का सर्वे कहता है कि जनता में 3 फीसदी ने बताया भ्रष्टाचार, 39 फीसदी ने बताया बेरोजगारी, 26 फीसदी ने बताया महंगाई, 19 फीसदी ने बताया किसान, 10 फीसदी ने बताया कोरोना और 3 फीसदी ने अन्य मुद्दों को अहम बताया. एजेंसी ने जब जनता से सर्वे के दौरान यह पूछा कि यूपी में विपक्ष के काम से कितना संतुष्ट हैं? तो इसके जवाब में 40 फीसदी ने कहा बहुत संतुष्ट, 20 फीसदी ने कहा कम संतुष्ट, 34 फीसदी ने कहा असंतुष्ट, तो वहीं 6 फीसदी ने कहा कि वे कह नहीं सकते हैं. मुख्यमंत्री के कामकाज से जनता की संतुष्टि के मुद्दे पर एबीपी न्यूज और सी वोटर के सर्वे के नतीजे बताते हैं कि 44 फीसदी जनता मौजूदा सरकार से बहुत संतुष्ट है, 18 फीसदी जनता कहती है कि वह कम संतुष्ट है और 37 फीसदी का कहना है कि वह असंतुष्ट हैं, जबकि 1 फीसदी ने जनता ऊहापोह की स्थिति में है.

2017 का विधानसभा चुनाव

2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 324 सीटें हासिल की थीं. इनमें से बीजेपी ने अकेले दम पर 311 सीटें जीती थीं, जबकि अपना दल (सोनेलाल) ने 9 सीटें जीती थीं. भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी को 4 सीटें हासिल हुई थीं.

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