इस मौसम में घरों में निकल रहे इस सांप को लेकर Wildlife SOS ने किया अलर्ट

नई दिल्ली. तेज गर्मी के चलते इंसान ही नहीं पशु-पक्षी और सांप भी परेशान हैं. गर्मी से बचने के लिए जब इन्हें अपनी मूल जगह पर आराम नहीं मिलता है तो ठंडक पाने की आस में एक से दूसरी जगह भागते हैं. यह कहना है वाइल्डलाइफ एसओएस (Wildlife SOS) टीम का. इसी के चलते एक खास प्रजाति का सांप (Snake) आजकल घर, फैक्ट्री और दुकानों में अक्सर निकल रहा है. यह दिखने में कोबरा (Cobra) जैसा है, लेकिन कोबरा नहीं है. वाइल्डलाइफ एसओएस की टीम ने इस सांप को लेकर अलर्ट जारी किया है. इसके दिखते ही वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस यूनिट को हेल्पलाइन नंबर पर फोन करने की सलाह दी गई है.

वाइल्ड लाइफ एसओएस के डायरेक्टर (कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स) बैजूराज एमवी का कहना है, ‘सांप एक्टोथर्मिक होते हैं. इसका मतलब यह है कि उन्हें अपने शरीर के तापमान को नियंत्रित करने के लिए बाहरी स्रोतों के इस्तेमाल करने की जरूरत महसूस होती है. इसलिए गर्मी के दिनों में सांप शांत रहने के लिए छाया और ठंडक प्रदान करने वाले आश्रय की तलाश करते हैं. ऐसा ही एक सांप है रैट स्नेक. रैट स्नेक को ओरिएंटल रैट स्नेक के रूप में भी जाना जाता है. आमतौर पर यह शहरी इलाकों में पाया जाता है.’

रैट स्‍नेक कोबरा जैसे दिखता है और इसकी लम्बाई 7 से 8 फीट तक होती है. लेकिन, यह कोबरा की तरह से जहरीला नहीं होता है. इतना जरूर है कि इसके काटने पर बहुत तेज दर्द होता है. यह खासतौर पर चूहे का शिकार करता है. इसके अलावा यह पक्षियों और छोटे जानवरों का शिकार भी करता है. जब तक छेड़ा न जाए यह हमला नहीं करता है.

इसलिए जब भी घर, दुकान, फैक्ट्री या पार्क और किसी खुली जगह पर यह दिखाई दे तो इसे मारें नहीं. रैट स्नेक ही नहीं और दूसरे सांप और जानवर दिखने पर भी इसकी जानकारी फौरन ही वाइल्डलाइफ एसओएस की रैपिड रिस्पांस यूनिट को मोबाइल नंबर (+91 9917109666) पर दें.

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण का इस बारे में कहना है, ‘अधिक गर्मी अक्सर सांपों को राहत पाने के लिए उनके मूल आवास से बाहर निकलने पर मजबूर करती है. हमारी टीम हर दिन ऐसी अनेक सांप से जुड़ी कॉल्स रिसीव कर चौबीसों घंटे काम कर रही है. हमारी टीम कोबरा और कॉमन क्रेट जैसे बेहद जहरीले सांपों से लेकर जिन सांपों में जहर नहीं है जैसे सैंड बोआ, वुल्फ स्नेक और रैट स्नेक को रोजाना बचा रही है.’

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