क्यों सिंगापुर बंद कर रहा है स्कूल, नए वैरिएंट को लेकर भय का माहौल, जानें सबकुछ

नई दिल्ली. भारत में कोरोना की दूसरी लहर (Covid Second Wave) के बीच अब सिंगापुर (Singapore) में कोरोना के नए वैरिएंट ने दुनिया को परेशान कर दिया है. सिंगापुर की सरकार ने कहा है कि कोरोना का B.1.167 वैरिएंट बच्चों में ज्यादा असर डाल रहा है. सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री ओंग ये कुंग ने कहा है कि बच्चे कोरोना के नए वेरिएंट B.1.617 के ज्यादा शिकार हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि कोरोना का ये वेरिएंट काफी तेजी से फैल रहा है. सिंगापुर ने कोविड-19 के मामले बढ़ने के बाद लोगों के जमा होने और जन गतिविधियों पर कड़ी पाबंदियां लगा दी हैं.

हालांकि सिंगापुर में अभी तो कोई निश्चित डेटा नहीं है कि कितने बच्चे इस नए वैरिएंट के शिकार हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि देश में नए मामलों में तेजी आई है इस वजह से लोगों की आवाजाही पर रोक लगानी बेहद जरूरी है. बता दें कि सिंगापुर के कोरोना मैनेजमेंट को लेकर दुनियाभर में तारीफ हुई है. देश में अब तक कोरोना के 61 हजार केस सामने आए हैं. इनमें भी ज्यादातर विदेशी मजदूरों की डॉरमेट्री से आए हैं. पूरे देश की करीब 20 फीसदी आबादी को कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं. देश में मॉडर्ना और फाइज़र की वैक्सीन के जरिए वैक्सीनेशन किया जा रहा है.

दिल्ली के सीएम के बयान के बाद भारत में छिड़ी चर्चा
दरअसल मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि सिंगापुर वैरिएंट की वजह से भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है. उन्होंने केंद्र सरकार अपील करते हुए कहा है कि सिंगापुर से आवाजाही पर रोक लगाई जाए. इस वायरस के संबंध में सवाल पूछे जाने पर कोविड नेशलन टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि बच्चों में कोविड संक्रमण को लेकर हम वैरिएंट को लेकर आ रही रिपोर्ट्स का परीक्षण कर रहे हैं. राहत वाली बात यह है कि उनमें संक्रमण गंभीर नहीं हो रहा है. हम इस पर नजर बनाए हुए हैं.
सिंगापुर सरकार चिंतित, स्कूल किए जा रहे हैं बंद

सिंगापुर में बीते महीनों के दौरान नए मामलों की संख्या लगभग ना के बराबर रही है. दक्षिण एशियाई देशों में तुलनात्मक रूप से यहां बेहद कम मामले सामने आए हैं. लेकिन अब लोकल स्तर पर संक्रमण के बढ़े मामलों ने देश की सरकार को चिंतित कर दिया है. इसलिए अब स्कूलों समेत अन्य जगहों पर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं. देश में बीते साल कोरोना की पहली लहर के बाद से ही सार्वजनिक जगहों पर सीमित छूट ही जाती है.

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