ममता बनर्जी आज से मिशन गोवा पर, क्या पूरब से पश्चिम में जाकर भाजपा को घेरने में सफल रहेंगी दीदी?

ममता बनर्जी आज से 5 दिन गोवा दौरे पर हैं। ममता के आने की तैयारी उनकी पार्टी पिछले एक महीने से कर रही है। बंगाल में उनकी जीत की रणनीति बनाने वाले प्रशांत किशोर की टीम इसके लिए जमीन तैयार कर रही है। राज्य में अगले साल के शुरू में होने वाले चुनाव से पहले ममता की पार्टी भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है।

ममता के अचानक गोवा में सक्रिय होने की वजह क्या है? प्लान गोवा क्या है? ममता को गोवा में सफलता की उम्मीद क्यों है? गोवा में TMC के साथ कौन से बड़े चेहरे जुड़े हैं? आइये जानते हैं…

ममता के अचानक गोवा में सक्रिय होने की वजह क्या है?

इसी साल मई में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) बंगाल में तीसरी बार सत्ता में आई। पार्टी के सत्ता में लौटने के बाद ममता के भतीजे और पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी के विस्तार का ऐलान किया। बनर्जी ने कहा कि अब पार्टी दूसरे राज्यों में भी अपने आधार को बढ़ाएगी।

इसी के तहत TMC गोवा में एक महीने से सक्रिय है। प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC के 200 लोग गोवा में TMC के लिए काम कर रहे हैं। राज्य में भाजपा सत्ता में है। 2017 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस के ज्यादातर विधायक भाजपा में जा चुके हैं। ऐसे में ममता को यहां विपक्ष की जगह खाली दिख रही थी।

ममता इसे एक मौके के तौर पर देख रही हैं। एक्सपर्ट्स कहते हैं कि गोवा जैसा छोटा राज्य किसी भी प्रयोग के लिए बहुत मुफीद है। बंगाल के बाहर अगर ममता का दांव सही रहा तो वे ये मैसेज देने में सफल होंगी कि नरेंद्र मोदी को सिर्फ वे ही चुनौती दे सकती हैं।

TMC के विस्तार के लिए क्या सिर्फ गोवा को ही चुना गया है?

TMC इस वक्त दो राज्यों पर फोकस कर रही है। पहला राज्य है पूर्वोत्तर का त्रिपुरा और दूसरा पश्चिम में गोवा। त्रिपुरा में विस्तार के पीछे वहां बांग्ला बोलने वाली आबादी है। वैसे भी त्रिपुरा में पार्टी पहले भी अच्छा कर चुकी है। वहीं, गोवा में पार्टी कांग्रेस की निष्क्रियता का फायदा उठाना चाहती है।

इसके लिए पार्टी गोवा और पश्चिम बंगाल के बीच समानताएं भी खोज रही है। बंगाल और गोवा के फुटबॉल फैन्स से लेकर दोनों के सी-फूड कल्चर तक में समानताएं खोजी जा रही हैं।

गोवा में जगह-जगह ममता के पोस्टर लगे हुए हैं। इन पर गोयंची नवी सकाल लिखा हुआ है, यानी, ममता की पार्टी गोवा में नई सुबह लाने का दावा कर रही है।

ममता का प्लान गोवा क्या है?

राज्य में फरवरी 2022 में चुनाव हो सकते हैं। उससे पहले पार्टी ने गोवा के कुछ बड़े नेताओं को भी अपने साथ किया है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री लुईजिन्हो फलेरियो पिछले महीने ही TMC में आए हैं। फलेरियो राज्य के मुख्यमंत्री रहने के साथ ही सात बार के विधायक हैं। पार्टी में शामिल होते ही फलेरियो को TMC का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है।

निर्दलीय विधायक प्रसाद शशिकांत गांवकरी भी TMC को अपना समर्थन जता चुके हैं। गांवकरी के भाई सदानंद गांवकरी भी TMC में शामिल हो गए हैं। ममता की पार्टी राज्य के कई और बड़े नेताओं के संपर्क में है। TMC की कोशिश है कि वो भाजपा विरोधी हर बड़े नेता को अपने साथ लेकर आए। इसी प्लान के तहत 23 अक्टूबर को ममता ने एक ट्वीट किया।

इसमें उन्होंने 28 अक्टूबर को अपने गोवा दौरे का ऐलान किया। साथ ही उन्होंने भाजपा के खिलाफ सभी लोगों, पार्टियों और संगठनों को भी एकजुट होने की अपील की। I-PAC की टीम पिछले एक महीने से जमीन तैयार करने में लगी है। जिसका अब तक का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है।

ममता के दौरे से पहले 25 अक्टूबर को TMC ने भाजपा सरकार के कथित कुशासन खिलाफ एक चार्जशीट जारी की। इस चार्जशीट में दावा किया गया कि गोवा के लोग पिछले दो दशक से राजनीतिक अस्थिरता और कुशासन से परेशान हैं।

कुछ इसी तरह तमिलनाडु चुनाव में DMK ने उस वक्त की सत्ताधारी पार्टी AIADMK के खिलाफ भी चार्जशीट जारी की थी। इस चुनाव में DMK को जीत मिली। खास बात ये है कि उस वक्त DMK के लिए चुनाव स्ट्रैटेजी बनाने का काम I-PAC ने ही किया था, जो पिछले करीब 3 महीने से गोवा में TMC के लिए काम कर रही है।

गोवा में TMC के लिए क्या संभावनाएं हैं?

TMC के एक नेता कहते हैं कि राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ नाराजगी है। 2017 में सबसे बड़ी पार्टी रही कांग्रेस के दस विधायक भाजपा में जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी विपक्ष की खाली जगह को देखते हुए यहां विस्तार की कोशिश में है। इन परिस्थितियों में हमें ऐसा लगता है कि TMC राज्य की जनता को एक बेहतर विकल्प दे सकती है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इसके लिए TMC अर्पिता घोष के इस्तीफे से खाली हुई सीट से गोवा के एक बडे़ नेता को राज्यसभा भी भेज सकती है। पार्टी कांग्रेस से TMC में आई असम की नेता सुष्मिता देव के मामले में ऐसा कर भी चुकी है।

क्या गोवा में पहली बार सक्रिय हुई है TMC?

नहीं, ऐसा नहीं है। 2012 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने राज्य की 20 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन एक भी सीट जीतने मे सफल नहीं हुई थी। पार्टी को केवल 1.8% वोट मिले थे। हालांकि, पार्टी का कहना है कि वो इस बार पूरी ताकत से चुनाव मैदान में उतरेगी।

2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में क्या नतीजे रहे थे?

2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। उसे 17 सीटें मिली थीं। 40 सीटों की विधानसभा में भाजपा 13 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर थी। इसके बाद भी भाजपा सरकार बनाने में सफल रही। सरकार बनने के बाद कांग्रेस के कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। हालत ये है कि अब कांग्रेस के सिर्फ 4 विधायक बचे हैं।

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