दुनिया छोड़ने की बात क्यों कह दी पप्पू यादव ने?

जेडीयू से आरजेडी में आई बीमा भारती को टिकट मिलने से पप्पू यादव को लगा झटका

कांग्रेस में विलय करके पप्पू यादव को उम्मीद थी कि कांग्रेस उन्हें पूर्णिया से लोकसभा का टिकट देगी लेकिन शायद वह इस बात का अंदाजा तक नहीं लगा पाए कि इंडिया गठबंधन के चलते राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बाजी मार ले जाएंगे। कल जब पूर्णिया से बीमा भारती का ऐलान हुआ, तो उन्हें तगड़ा झटका लगा।

पप्पू यादव ने इमोशनल होकर पत्रकारों को कह दिया, “वह दुनिया छोड़ देंगे लेकिन पूर्णिया नहीं छोड़ेंगे। पूर्णिया उनकी मां है और वह कहीं और से भी चुनाव नहीं लड़ेंगे।” दरअसल पिछले एक साल से पप्पू यादव लोकसभा चुनावों की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने पूर्णिया में ‘प्रणाम पूर्णिया आशीर्वाद यात्रा’ भी शुरू की थी, जिसके तहत वह पूर्णिया के घर-घर जाकर खुद के लिए ज़मीन तैयार कर रहे थे।

लालू की चाल नहीं समझ पाएं पप्पू यादव

जब राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में किया था, तब उन्होंने लालू यादव से आशीर्वाद लिया था। पप्पू यादव ने यह तक कह दिया था कि लालू यादव उन्हें अपना तीसरा बेटा मानें। लेकिन लालू यादव की राजनीतिक खेल को पप्पू यादव समय पर समझ नहीं पाएं और उनके साथ खेला हो गया। जब आरजेडी की तरफ से उम्मीदवार के तौर पर बीमा भारती के नाम की घोषणा हुई, तो पप्पू यादव के लिए यह झटका की तरह था।

यहां सवाल उठता है कि क्या लालू की इस चाल से पप्पू यादव के राजनैतिक जीवन पर विराम लगेगा या फिर वह निर्दलीय के तौर पर अपनी उम्मीदवारी ठोकेंगे। गौरतलब है कि पप्पू यादव ने पिछली बार लोकसभा चुनावों के दौरान आरजेडी के साथ गठबंधन की कोशिशे की थी, लेकिन वह सफल नहीं तो उन्होंने अपनी जन अधिकार पार्टी के सिंबल पर ही उम्मीदवार उतारे थे। नतीजा ये था कि पप्पू यादव एक भी सीट जीत नहीं पाए थे।

दूसरी तरफ कांग्रेस भी बिहार में मूकदर्शक की भूमिका में नज़र आ रही है। लालू यादव सीटों का बंटवारा कर रहे हैं, कांग्रेस की तरफ से कोई विरोध नहीं आ रहा। ऐसे में पप्पू यादव के लिए आगे कुआं, पीछे खाई वाली स्थिति हो गई है। कांग्रेस के साथ रहते हैं, तो पूर्णिया की सीट छोड़नी पड़ेगी और निर्दलीय लड़ते हैं तो अकेले चुनाव लड़ने की चुनौतियों से दोचार होना पड़ेगा।

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