इंडिया और एनडीए से मायावाती ने आखिर क्यों बनाई दूरी ?

बसपा आख़िर बीजेपी के साथ क्यों नहीं है ?

उत्तर प्रदेश:उत्तर प्रदेश की सियासत में मायावती को एक के बाद एक चुनावी मात मिलती जा रही है।बसपा का जनाधार भी चुनाव दर चुनाव खिसकता जा रहा है। इस तरह यूपी की राजनीति में बसपा अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है, जिसके चलते पार्टी के कद्दावर नेताओं का विश्वास भी अब डगमगाने लगा है।

निकाय चुनाव में दलित-मुस्लिम प्रयोग फेल हो जाने के बाद अब 2024 के लोकसभा चुनाव की डगर बसपा के लिए मुश्किलों भरी लगने लगी है। ऐसे में मायावती लखनऊ में बसपा नेताओं की समीक्षा बैठक, हार पर मंथन से ज्यादा पार्टी की खोई हुए सियासी आधार को पाने और दोबारा से उभरने की रणनीति बनाने की है।लोकसभा चुनाव का समय अब बेहद नज़दीक है। सत्ताधारी गठबंधन व विपक्षी गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है। बीएसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

उन्होने कहा कि विपक्षी गठबंधन बीजेपी का विरोध कर रहा, कांग्रेस सरकार में लोगों का शोषण हुआ हैं।मायावती ने कहा कि सत्ताधारी गठबंधन व विपक्षी गठबंधन की बैठकों का दौर चल रहा है, हालांकि इन मामलों में हमारी पार्टी भी पीछे नहीं है। एक तरफ सत्ता पक्ष NDA अपनी पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने की दलीलें दे रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन सत्ताधारी को मात देने के लिए कार्य कर रही है।

और इसमें BSP भी पीछे नहीं है।उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने जैसी जातिवादी और पूंजीवादी सोच रखने वाली पार्टी के साथ गठबंधन करके फिर से सत्ता में आने की सोच रख रही है, साथ ही NDA फिर से सत्ता में आने का दावा ठोक रही है।

लेकिन इनकी कार्यशैली यही बताती है कि इनकी नीति और सोच लगभग एक जैसी ही रही है। यही कारण है कि BSP ने इनसे दूरी बनाई है।

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