अखिलेश-शिवपाल यादव के खिलाफ कांग्रेस ने क्यों नहीं उतारा उम्मीदवार, जानें वजह

राजनीतिक शिष्टाचार” के तहत कोई उम्मीदवार नहीं उतारा

लखनऊ. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश में स्टार प्रचारक सचिन पायलट ने स्पष्ट किया कि पार्टी ने अखिलेश यादव  और शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ “राजनीतिक शिष्टाचार” के तहत कोई उम्मीदवार नहीं उतारा. सोनिया 2004, 2009, 2014 और 2019 में रायबरेली की सीट से लोकसभा सांसद चुनी गईं थीं. पायलट ने कहा कि जब सोनिया गांधी ने रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, तब सपा ने उम्मीदवार नहीं उतारा था.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव यूपी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव, जो प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया हैं, जसवंत नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कांग्रेस ने इन दोनों सीटों से उनके खिलाफ कोई उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं उतारा है.

 अमेठी में नहीं उतारा था प्रत्याशी 

पायलट ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी राहुल गांधी के खिलाफ अमेठी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था. पायलट ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में परिवर्तन ‘निश्चित रूप से’ होंगे.

बीजेपी धमकी देकर वोट लेती है

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 5 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद बीजेपी अभी भी लोगों को धमकी देकर वोट लेना चाहती है. दूसरी ओर कांग्रेस अपने घोषणापत्र और उम्मीदवारों की मदद से चुनाव लड़ रही है. प्रियंका गांधी ने इस बार पहले से ही महिलाओं को उत्तर प्रदेश के चुनाव मैदान में उतारा है. कोई भी पार्टी ऐसी हिम्मत नहीं दिखा पाई है.उन्नाव और लखीमपुर खीरी की घटनाओं के बारे में बोलते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रियंका गांधी शुरू से ही इन मुद्दों पर मुखर रही हैं. उत्तर प्रदेश में पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को, दूसरे चरण का 14 फरवरी को, तीसरे चरण का 20 फरवरी को, चौथे चरण का 23 फरवरी को, पांचवें चरण का 27 फरवरी को, छठे चरण का मतदान 3 मार्च को होगा. और सातवां चरण 7 मार्च को होगा.

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