छत्तीसगढ़ में बीजेपी पस्त क्यों हो गई है ?

छत्तीसगढ़ में बीजेपी : राजनीतिक उथल-पुथल की दृष्टि से छत्तीसगढ़ आमतौर पर शांत प्रदेश माना जाता है मगर अब वहां राजनीति दिलचस्प हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज होने वाला अपना छत्तीसगढ़ दौरा रद्द कर दिया है।

और उधर कांग्रेस आज बस्तर जिले से कांग्रेस के दूसरे मंत्री मोहन मरकाम को शपथ दिलाएगी।अमित शाह का यह 20 दिन में तीसरा दौरा होने वाला था। भाजपा वहां सबसे ज्यादा आदिवासी बहुल इलाकों को लेकर चिंतित है। उसी को देखते हुए कांग्रेस ने बस्तर से एक और मंत्री अभी अध्यक्ष पद से हटाए गए मरकाम के रूप में बनाने का फैसला लिया है

इससे पहले दूसरे आदिवासी जिले सरगुजा से दो मंत्री हैं।
इन दोनों आदिवासी जिलों में कुल 26 विधायक हैं जो सब के सब कांग्रेसी हैं। यही कांग्रेस की सबसे बड़ी ताकत हैं। कहा जाता है कि जो आदिवासी विधायक ज्यादा लाता है वही सरकार बनाता है।सरगुजा में 14 सीटें हैं और बस्तर में 12, सब कांग्रेस के पास हैं।

अभी प्रधानमंत्री मोदी ने भी छग दौरा किया था। छत्तीसगढ़ में बीजेपी यहां 2018 की हार के बाद संभल नहीं पाई है। उधर कांग्रेस जोगी के पार्टी से चले जाने के बाद से मजबूत होती चली गई। 2003 से 2018 तक भाजपा ने छग में जोगी की वजह से शासन किया था। अब वही स्थिति कांग्रेस की है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी की कमजोरी उसका फायदा बन गई है।

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